Bhai Dooj 2023: तिलक का शुभ मुहूर्त और यमुना स्नान का विशेष महत्व

Bhai Dooj 2023: तिलक का शुभ मुहूर्त और यमुना स्नान का विशेष महत्व

भाईदूज एक दूसरे के प्रति भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को दर्शाता है। हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का यह विशेष त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की दीर्घायु और स्वस्थ्य जीवन की कामना करती है। चूंकि इसके पीछे यम और उनकी बहन यमुना से जुड़ी कुछ पौराणिक मान्यता है, इसलिए भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना है। आज हम जानेंगे  भाईदूज 2023 का मुहूर्त और यम-यमुना से जुड़ी प्रचलित कथा के बारे में।

भाई दूज 2023 शुभ मुहूर्त 

भाई दूज के मुहूर्त को लेकर इस वर्ष थोड़ा असमनजस है कि भाई दूज 14 को मनाए या 15 को?  जैसा कि भाई दूज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि मनाया जाता है और इस बार द्वितीया 14 नवंबर दोपहर 2:46 से शुरू होकर 15 नवंबर दोपहर 1:47 में समाप्त हो रही है। इसी प्रकार से इस वर्ष दिवाली और गोवर्धन पूजा भी दो दिनांक में पड़े थे। वहीं भाई दूज का पर्व इस मूहूर्त में किसी भी दिन मनाया जा सकता है। 

भाईदूज में यम- यमुना का विशेष महत्व

भाईदूज का उत्सव पौराणिक काल से ही मनाया जा रहा है,  इसका उल्लेख स्कन्दपुराण में भी मिलता है। स्कन्दपुराण के अनुसार, सूर्यदेव और उनकी पत्नी संज्ञा से दो संताने पैदा हुईं, जिनका नाम था यम और यमुना।  लेकिन देवी संज्ञा सूर्यदेव के ताप को सहन करने में अस्मर्थ थी, इसलिए वह अपनी छाया को छोड़कर घोर तप में चली गईं। देवी छाया ने भी  2 संतानों को जन्म दिया जिनका नाम था शनि और ताप्ति, देवी छाया इन दोनों से तो बहुत स्नेह और प्रेम करती , लेकिन यम और यमुना के प्रति उनका व्यवहार बुरा था। तब यम ने दुखी होकर स्वयं की यम नगरी बनाई और वहां बस गए। यमनगरी में वह पापियों को दंड दिया करते, यमुना यह सब देखकर खुश ना थी और गोलोक चली आई।  लेकिन वह अपने भाई यम को बेहद स्नेह करती थीं और कई बार घर में पधारने के साथ भोजन ग्रहण करने का आग्रह करती थीं। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन यम अपनी बहन से मिलने पहुंच गए और अपने भाई को देख यमुना अति प्रसन्न और भावुक हो गईं। उन्होंने अपने भाई को तिलक लगाकर आदर सत्कार किया और कई प्रकार स्वादिष्ट पकवान और व्यंजन परोसे। तब यम ने अपनी बहन से प्रसन्न होकर कहा कि बहन आज तुम जो भी मनोवांछित फल की कामना करोगी उसे में पूरा करुंगा, तब यमुना ने कहा, भैया मुझे ऐसा वरदान दो कि जो भी भाई-बहन आज के दिन यमुना आर्थत् मेरे जल से स्नान करेगा उसे यम यातनाओं  का सामना ना करना पड़े। यम ने अपनी बहन की मनोकामना पूर्ण की और कहा कि यदि कोई भाई बार-बार अपनी बहन को अपमानित या तिरस्कार करेगा तो मैं उसे अपने साथ यमपुरी लेकर जाऊंगा, लेकिन वह यम यातना से तभी बच सकता है जब वह तुम्हारे जल में स्नान कर सूर्यदेव को अर्घ्य देगा। तभी से ही भैयादूज के पर्व का उत्सव मनाया जा रहा है। 

भाईदूज में यमुना मन्त्र 

"गंगा पूजे यमुना को, यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजे कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बर्ह मेरे भाई की आयु बढ़े।
भ्रातस्तवानुजाताहं भुंक्ष्व भक्तमिमं शुभं, प्रीतये यमराजस्य यमुनाया विशेषत:"

भाईदूज के दिन ध्यान देने योग्य बातें

भाईदूज भाई-बहन के प्रति अटूट प्रेम को दर्शाता है। इस पर्व में बहन अपने भाई के लम्बे जीवन की कामना करती है, लेकिन इस दिन इन बातों का विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। 

  • सूर्योदय के समय भाई-बहन को यमुना में स्नान करना चाहिए। 
  • यमुना स्नान के बाद सूर्योदय को अर्घ्य देना चाहिए।
  • यदि यमुना/गंगा स्नान संभव नहीं है तो गंगाजल या शुद्ध जल की बूंदों से एक दूसरे के ऊपर छिड़काव करें।
  • मुहूर्त काल में बहन अपने भाई को तिलक लगाकर भोजन कराए।
  • कुछ मान्यताओं के अनुसार जिस प्रकार यम ने अपनी बहन के घर जाकर भोज ग्रहण किया था, ठीक उसी प्रकार भाई को अपनी बहन के घर जाकर भोजन करना चाहिए।
  • तिलक के दौरान बहन को उपरोक्त मंन्त्र का उच्चारण करना चाहिए। 
  • भोजन के पश्चात भाई को अपनी बहन के चरण स्पर्श करने चाहिए। 
  • भाई द्वारा अपना बहन को उपहार स्वरूप वस्त्र तथा आभूषण  भेंट करने चाहिए। 

Vaikunth Blogs

कर्णवेध संस्कार की महत्ता तथा सनातन धर्म में उसकी उपादेयता ।
कर्णवेध संस्कार की महत्ता तथा सनातन धर्म में उसकी उपादेयता ।

जिस संस्कार में विधि-विधान पूर्वक बालक या बालिका के कर्ण का छेदन किया जाता है उस संस्कार विशेष को “क...

How Rudrabhishek Puja Helps To Alleviate Suffering?
How Rudrabhishek Puja Helps To Alleviate Suffering?

‘Rudra’ the destroyer of sorrows and worries is worshiped by Sanatanis around the globe. The word ‘A...

जानें श्रीशिवपञ्चाक्षर स्तोत्र का महत्व
जानें श्रीशिवपञ्चाक्षर स्तोत्र का महत्व

श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्र आद्यगुरु शंकराचार्य जी द्वारा वर्णित है। यह सम्पूर्ण स्तोत्र भगवान शिव के पं...

Vat Savitri Puja 2024: जानें, वटसावित्री व्रत की शुभ तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि एवं  लाभ।
Vat Savitri Puja 2024: जानें, वटसावित्री व्रत की शुभ तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि एवं लाभ।

हिन्दू धर्म में पति की दीर्घायु और प्रेम को सदा जीवंत बनाए रखने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के त्यौहार...

Kartik Snan: कार्तिक मास में सूर्योदय से पूर्व स्नान का विशेष महत्व
Kartik Snan: कार्तिक मास में सूर्योदय से पूर्व स्नान का विशेष महत्व

कार्तिक मास भगवान विष्णु का प्रिय मास है। इस मास में किए गए कार्यों का फल मनुष्य को जीवनभर मिलता है।...

श्रावण मास में शिवजी की पूजा करने से मिलते हैं ये 10 बड़े लाभ
श्रावण मास में शिवजी की पूजा करने से मिलते हैं ये 10 बड़े लाभ

हिन्दू धर्म में अनेक देवी-देवताओं को पूजा जाता है जिनमें से एक हैं भगवान् शिव । महादेव ऐसे देवता हैं...

 +91 |

By clicking on Login, I accept the Terms & Conditions and Privacy Policy

Recovery Account