आत्मशान्ति तथा मानसिक प्रसन्नता हेतु करें देवी प्रातः स्मरण स्तोत्र का पाठ

आत्मशान्ति तथा मानसिक प्रसन्नता हेतु करें  देवी प्रातः स्मरण स्तोत्र का पाठ

जगद्जननी माँ जगदम्बा की कृपा समस्त चराचर जगत् को प्राप्त है | प्रातःकाल जागरण के पश्चात् भगवती का ध्यान सुमिरन अवश्य करना चाहिए | जो साधक प्रातःकाल निद्रा को त्यागकर  “श्रीदेवी प्रातः स्मरण” स्तोत्र का पाठ करता है, उसके मन-मस्तिष्क में शीतलता,प्रसन्नता एवम् चित्त में सकारात्मकता का सन्निवेश होता है |  इस प्रकार माता भगवती विभिन्न मनोरथों को पूर्ण करने वाली हैं | इस देव्याः प्रातः स्मरण में तीन श्लोकों में भगवती से प्रार्थना की गयी है | 

     प्रातः स्मरामि शरदिन्दुकरोज्ज्वलाभां,
                        सद्रत्नवन्मकरकुण्डलहारभूषाम् |
     दिव्यायुधोर्जितसुनीलसहस्रहस्तां,
                         रक्तोत्पलाभचरणां भवतीं परेशाम् ॥ १ ॥

अर्थात् जिन भगवती देवी की अंगकान्ति शारदीय चन्द्रमा की किरण के समान उज्जवल है, जो उत्तम रत्नद्वारा निर्मित मकराकृति कुण्डल और हार से विभूषित हैं, जिनके गहरे नीले हजारों हाथ दिव्यायुधों से संपन्न हैं, तथा जिनके चरण लाल कमल की कान्ति- सदृश अरुण हैं, ऐसी आप परमेश्वरी का मैं प्रातःकाल स्मरण करता हूँ | 

     प्रातर्नमामि महिषासुरचण्डमुण्ड-
                शुम्भासुरप्रमुखदैत्यविनाशदक्षाम्,
      ब्रह्मेन्द्ररुद्रमुनिमोहनशीललीलां,
                चण्डीं समस्तसुरमूर्तिमनेकरूपाम् ॥ २ ॥  

 जो महिषासुर, चण्ड, मुण्ड, शुम्भासुर, आदि प्रमुख दैत्यों का विनाश करने में निपुण हैं, लीलापूर्वक ब्रह्मा, इन्द्र, रुद्र, और मुनियों को मोहित करने वाली हैं, समस्त देवताओं की मूर्ति स्वरूपा हैं, तथा अनेक रूपों वाली हैं, उन चण्डी देवी को मैं प्रातः नमस्कार करता हूँ | 

     प्रातर्भजामि भजतामभिलाषदात्रीं,
                 धात्रीं समस्तजगतां दुरितापहन्त्रीम्। 
     संसारबन्धनविमोचनहेतुभूतां,
                मायां परां समधिगम्य परस्य विष्णोः ॥ ३ ॥ 

जो भजन करने वाले भक्तों की अभिलाषा को पूर्ण करने वाली, समस्त जगत् का धारण-पोषण करने वाली, पापों को विनष्ट करने वाली, संसार बन्धन के विमोचन की हेतुभूता तथा परमात्मा विष्णु की परामाया हैं, उनका ध्यान करके मैं प्रातःकाल भजन करता हूँ |

इसी प्रकार भगवती से सम्बंधित विभिन्न स्तोत्र और विभिन्न प्रकार की पूजाओं के विषय में जानने हेतु हमारी वेबसाईट vaikunth.co पर आयें | 

Vaikunth Blogs

करवाचौथ 2023: शुभ मुहूर्त, शुभ योग और राशि अनुसार पहने इस रंग के वस्त्र, जानें चन्द्रोदय का समय
करवाचौथ 2023: शुभ मुहूर्त, शुभ योग और राशि अनुसार पहने इस रंग के वस्त्र, जानें चन्द्रोदय का समय

करवाचौथ के व्रत में इस बार ग्रह तथा नक्षत्रों की स्थिति काफी शुभ मानी जा रही है, इसलिए इस वर्ष का व्...

जानें होम, यज्ञ अथवा हवन आदि क्रियाओं में अग्निवास का शुभ तथा अशुभ फल
जानें होम, यज्ञ अथवा हवन आदि क्रियाओं में अग्निवास का शुभ तथा अशुभ फल

हमारी सनातन पूजा पद्धति में हवन करने से पूर्व अग्निवास को देखना परम आवश्यक है। पूजा पद्धति में किसी...

How Rudrabhishek Puja Helps To Alleviate Suffering?
How Rudrabhishek Puja Helps To Alleviate Suffering?

‘Rudra’ the destroyer of sorrows and worries is worshiped by Sanatanis around the globe. The word ‘A...

आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ से होगी‌ सर्वत्र विजय की प्राप्ति और व्यापार में वृद्धि
आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ से होगी‌ सर्वत्र विजय की प्राप्ति और व्यापार में वृद्धि

भगवान सूर्य देव को समर्पित यह आदित्यहृदय स्तोत्र श्री वाल्मीकि रामायण के युद्धकाण्ड के 105 में सर्ग...

अक्षय तृतीया 2024:- जानें शुभ दिन, मुहूर्त तथा धार्मिक महत्ता ।
अक्षय तृतीया 2024:- जानें शुभ दिन, मुहूर्त तथा धार्मिक महत्ता ।

वैशाख मास के शुक्लपक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया कहा जाता है । भविष्यपुराण के अनुसार अक्षय तृतीय के...

शिव प्रातः स्मरण स्तोत्रम्
शिव प्रातः स्मरण स्तोत्रम्

भगवान् शिव समस्त व्याधियों के हर्ता तथा अपने भक्तों को शीघ्र ही मोक्ष प्रदान करने वाले हैं | शिवपुरा...

 +91 |

By clicking on Login, I accept the Terms & Conditions and Privacy Policy

Recovery Account