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Our experienced Pandits perform each ceremony with care and devotion, ensuring a meaningful experience for you and your loved ones. With our dedication to Sanatan Dharma and authenticity, we believe that each ritual should be done with devotion and purpose, making every ceremony special and impactful.

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सीमन्तोन्नयन

सीमन्तोन्नयन संस्कार

 सीमन्त तथा उन्नयन इन दो शब्दों के योग से सीमन्तोन्नयन सिद्ध हुआ है।

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पुंसवन संस्कार

पुंसवन संस्कार

गर्भाधान संस्कार के अनन्तर पुंसवन संस्कार का क्रम आता है।

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गर्भाधान

गर्भाधान संस्कार

 गर्भ+आधान। आधान का अर्थ है स्थापित करना।

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उपनय

उपनयन संस्कार

उपनयन ="उप " उपसर्ग पूर्वक  "नी " धातु से ल्यु प्रत्यय करने पर उपनयन शब्द का निर्माण होता...

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उदक शान्ति

उदक शान्ति पूजा विधान

कोई भी धार्मिक अनुष्ठान, देवपूजा, स्तोत्र पाठ, जप, ध्यान आदि सदैव जीवन में, घर परिवार की श...

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वाहन

नवीन वाहन पूजा

सनातन हिन्दू परम्परा में पूजा पाठ का अपना एक विशेष महत्व है।

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वरुणसूक्त

वरुण सूक्त पाठ एवं हवन

ऋग्वेद के प्रथम मण्डल के 25 वें सूक्त को वरुणसूक्त कहते हैं।

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इन्द्रसूक्त पाठ

इन्द्र सूक्त पाठ एवं हवन

 इन्द्र सूक्त के ऋषि अप्रतिरथ है, देवता इन्द्र तथा छन्द त्रिष्टुप है।

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पवमानसूक्त

पवमान सूक्त पाठ एवं हवन

अथर्ववेद की पैप्लादशाखा में पठित 21 मन्त्रों को पवमान सूक्त के नाम से जाना जाता है।

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अग्निसूक्त

अग्नि सूक्त पाठ एवं हवन

ऋग्वेद में लगभग 200 सूक्तों के द्वारा अग्निदेव का स्तवन किया गया है।

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सूर्यसूक्त

सूर्य सूक्त पाठ एवं हवन

 यह सूक्त ऋग्वेद में उपलब्ध है। सूर्यसूक्त के ऋषि कुत्स -आङ्गिरस ,देवता सूर्य तथा त्रिष्टु...

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रुद्रसूक्त

रुद्र सूक्त [शिवसूक्त,नीलसूक्त] पाठ एवं हवन

भूतेश्वर भगवान् शिव की प्रसन्नता के लिए रुद्रसूक्त के पाठ का अनिर्वचनीय फलश्रुति है।

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गणपतिसूक्त

ब्रह्मणस्पति (गणपति सूक्त) पाठ एवं हवन

गणपति सूक्त को ब्रह्मणस्पति सूक्त भी कहा जाता है।

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शिवाथर्वशीर्षम्

शिवाथर्वशीर्षम्

"वेद: शिव: शिवो वेद:" वेद शिव हैं और शिव वेद हैं,

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नारायणाथर्वशीर्षम्

नारायणाथर्वशीर्षम्

नर शब्द जीव का वाचक है, नार= जीवों के समूह और उन जीवों का अयन (आश्रय) परमेश्वर हैं,

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सूर्याथर्वशीर्षम्

सूर्याथर्वशीर्षम्

भगवान् सूर्य को वेदों में चराचर जगत् का आत्मा कहा गया है।

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सौभाग्य प्रदायक

सौभाग्य प्रदायक चतुर्थी कर्म

विवाह के पश्चात् तीन रात पर्यन्त वर वधू को विशेष नियमों का पालन करते हुए चौथी रात्रि में ह...

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तिलकोत्सव

तिलकोत्सव

षोडश संस्कारों में विवाह नामक प्रमुख संस्कार जब वर और वधू दोनों पक्षों में सर्वप्रकार से स...

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