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Vedic Rituals

Our experienced Pandits perform each ceremony with care and devotion, ensuring a meaningful experience for you and your loved ones. With our dedication to Sanatan Dharma and authenticity, we believe that each ritual should be done with devotion and purpose, making every ceremony special and impactful.

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Janmashtami

जन्माष्टमी व्रत

परब्रह्म अनन्त ब्रह्माण्ड नायक नारायण ही धर्म के ह्रास और अधर्म के विस्तार के समय इस धरा ध...

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नृसिंह चतुर्दशी

नृसिंह चतुर्दशी

नृसिंह भगवान् :- नृसिंह अथवा नरसिंह भगवान् को पुराणों के अनुसार  विष्णु का अवतार स्वीकार क...

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श्री सूक्त होम

श्री सूक्त होम

वेद भगवान का नि:श्वास है। वेदों में विभिन्न मनोकामना की प्राप्ति के लिए विभिन्न सूक्तियां...

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बृहस्पति ग्रह

बृहस्पति ग्रह

देवगुरु बृहस्पति का नवग्रहों में प्रमुख स्थान है ।

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बुध ग्रह

बुध ग्रह

संसार के समस्त चराचर प्राणियों पर नवग्रहों का प्रभाव रहना विदित है।

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मंगल ग्रह

मंगल ग्रह

पुराणों में मंगल ग्रह के पूजन की बहुत महिमा बताई गई है।

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Kaal-sarp

कालसर्प दोष एवं निवारण

प्राचीन धर्मग्रन्थों एवं सद्‌शास्त्रों में यह दोष दृष्टिगोचर होता है। सनातन संस्कृति एवं स...

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Grihapravesh

गृह प्रवेश एवं वास्तु शान्ति

अपने नवीन घर या कार्यालय में शान्ति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के लिए गृह प्रवेश पूजा के...

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कुण्डली दोष निवारण पूजा

कुण्डली दोष निवारण पूजा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुण्डली में विभिन्न प्रकार के योग एवं दोष दृष्टिगोचर होते हैं।

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सर्वमनोरथप्रद र

सर्वमनोरथप्रद रुद्रहोम

पुराणों में भगवान् शिव को ही रुद्र नाम से व्याख्यायित किया गया है।

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विष्णु होम

श्री विष्णु सहस्रनाम होम

विष्णु होम को परमात्म होम अथवा परब्रह्म होम भी कहा जाता है,

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आयुष्य dev

आयुष्य पूजा एवं होम

  देवता को उद्देश्य पूर्वक मुख्य रूप से हविर्द्रव्य के प्रक्षेपात्मक त्याग को होम कहते हैं...

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शिवमहिम्न स्तोत्र

शिवमहिम्न स्तोत्र

चन्द्रमौलीश्वर भूतभावन भूतेश भगवान् रुद्र के महिमा का वर्णन है।

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अभिलाष्टक

अभिलाष्टक स्तोत्र पाठ

 मुनि विश्वानर कृत सम्पूर्ण मनोकामनाओं को तथा विशेषतः पुत्र प्राप्ति की अभिलाषा को पूर्ण

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अपामार्जन

अपामार्जन स्तोत्र

यह स्तोत्र भगवान् विष्णु की उपासना के लिए समर्पित है।

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पाशुपतास्त्र

पाशुपतास्त्र स्तोत्र पाठ

हमारे वेदों एवं पुराणों में अनेक  स्त्रोत,मन्त्र आदि प्राप्त होते हैं, 

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कनकधारा

कनकधारा स्तोत्र पाठ

शब्दार्थ ही शब्द के भाव को द्योतित अथवा प्रकाशित कर रहा है।

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vastu dosh

वास्तुदोष शान्ति

गृह, मन्दिर, कार्यालय, औषधालय नवीन या प्राचीन किसी भी संस्था में सम्पूर्ण निर्माण

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