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अभय प्राप्तिसूक्त पाठ एवं हवन

सूक्त पाठ एवं हवन | Duration : 4 Hours 45 minute
Price : 12000
About Puja

          अभय प्राप्तिसूक्त समग्र भयों से मुक्ति प्राप्त कराने वाला है। जिस प्रकार द्यौ, अन्तरिक्ष, सूर्य, चन्द्रमा, आदि सभी भयमुक्त रहते हैं, उसी प्रकार हमारे प्राण (जीवनी शक्ति) भी निर्भय एवं अक्षुण्ण बनी रहें। इस प्रकार प्रकृति के समस्त साक्षात् दृष्टिगत् होने वाले देवों से प्रार्थना इस सूक्त के माध्यम से की गयी है। इस सूक्त के मन्त्रद्रष्टा ऋषि ब्रह्मा, प्राण अपान आदि देवता तथा त्रिवृत गायत्री छन्द है। जीवन में प्राणों की संरक्षा तथा उत्साह सम्वर्द्धन के लिए यह सूक्त परम उपयोगी है।

Benefits

अभय  प्राप्तिसूक्त पाठ एवं हवन महात्म्य :-

  • इस सूक्त का विधिपूर्वक वेदज्ञ ब्राह्मणों के द्वारा पाठ कराने से सभी प्रकार के भयों की निवृत्ति होती है,  तथा शारीरिक एवं मानसिक  बल की वृद्धि होती है।
  • वातरोग (वायु विकार) सम्बन्धित रोगों को नष्ट करने के लिए इन मन्त्रों का विशेष अनुष्ठान किया जाता है।
  • शत्रु  आदि के द्वारा होने वाला भय भी इन मंत्रों के विनियोग से पूर्णतया समाप्त हो जाता है।
  • यह सूक्त पाठ अभय की प्राप्ति के साथ ही समस्त भूतादि प्राणियों से रक्षा करता है।
Process

अभय सूक्त पाठ एवं हवन में होने वाले प्रयोग या विधि:-

  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
  10. नवग्रह मण्डल पूजन
  11. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  12. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल , वास्तु पुरुष आवाहन एवं , पूजन 
  13. रक्षाविधान आदि
  14. पंचभूसंस्कार
  15. अग्नि स्थापन
  16. ब्रह्मा वरण 
  17. कुशकण्डिका
  18. आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  19. घृताहुति
  20. मूलमन्त्र आहुति 
  21.  चरुहोम
  22. भूरादि नौ आहुति
  23.  स्विष्टकृत आहुति
  24. पवित्रप्रतिपत्ति
  25. संस्रवप्राशन 
  26. मार्जन
  27. पूर्णपात्र दान
  28. प्रणीता विमोक
  29. मार्जन 
  30. बर्हिहोम 
  31. पूर्णाहुति , आरती , भोग , विसर्जन  आदि
Puja Samagri

 वैकुण्ठ के द्वारा दी जाने वाली पूजन  सामग्री

  • रोली ,कलावा    
  • सिन्दूर  , लवङ्ग 
  • इलाइची , सुपारी 
  • हल्दी , अबीर 
  • गुलाल , अभ्रक 
  • गङ्गाजल , गुलाबजल 
  • इत्र , शहद 
  • धूपबत्ती  ,रुईबत्ती  , रुई 
  • यज्ञोपवीत , पीला सरसों 
  • देशी घी , कपूर 
  • माचिस , जौ 
  • दोना बड़ा साइज ,पञ्चमेवा 
  • सफेद चन्दन , लाल चन्दन 
  • अष्टगन्ध चन्दन , गरी गोला 
  • चावल(छोटा वाला) , दीपक मिट्टी का 
  • पानी वाला नारियल  , सप्तमृत्तिका 
  • सप्तधान्य , सर्वोषधि 
  • पञ्चरत्न , मिश्री 
  • पीला कपड़ा सूती ,तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित  
  • पंचगव्य गोघृत , गोमूत्र

हवन सामग्री एवं यज्ञपात्र :-

  • काला तिल 
  • जौ ,चावल 
  •  कमलगट्टा , पंचमेवा 
  •  हवन सामग्री  , घी ,गुग्गुल
  • गुड़ (बूरा या शक्कर)  ,गड़ी गोला 
  •  पान पत्ता ,बलिदान हेतु पापड़
  • काला उडद 
  • पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी
  • प्रोक्षणी , प्रणीता , सुवा, शुचि , स्फय - एक सेट
  • हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच 
  • कलश रखने के लिए मिट्टी का पात्र
  •  पिसा हुआ चन्दन 
  • नवग्रह समिधा
  •  हवन समिधा 
  •  घृत पात्र
  • कुशा
  • पंच पात्र

यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:-

  • वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का - 1
  • गाय का दूध - 100ML
  • दही - 50ML
  • मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार 
  • फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार )
  • दूर्वादल (घास ) - 1मुठ 
  • पान का पत्ता - 11
  • पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg
  • पुष्पमाला - 7 ( विभिन्न प्रकार का)
  • आम का पल्लव - 2
  • विल्वपत्र - 21
  • तुलसी पत्र -7
  • शमी पत्र एवं पुष्प 
  •  थाली - 2 , कटोरी - 5 ,लोटा - 2 , चम्मच - 2 आदि 
  • अखण्ड दीपक -1
  • देवताओं के लिए वस्त्र -  गमछा , धोती  आदि 
  • बैठने हेतु दरी,चादर,आसन 
  • गोदुग्ध,गोदधि,गोबर

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