हनुमज्जन्मोत्सव

हनुमज्जन्मोत्सव

व्रतोत्सव त्यौहार | Duration : 4 Hours
Price Range: 5100 to 11000

About Puja

"भगवान श्री राम के  अनन्य भक्त श्री  हनुमान जी महराज हैं। हनुमान जी पवन पुत्र हैं तथा इनकी माता अञ्जनी हैं, कलियुग के प्रत्यक्ष देवताओं में एक हैं। हनुमान जी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व शास्त्रों में वर्णित है। हमारे सनातन हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि हनुमान जयन्ती (जन्मोत्सव) के दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने वाले भक्तो की मनोवांछित फल की प्राप्ति शीघ्र ही हो जाती है तथा हनुमान जी की कृपादृष्टि से समस्त रोगों का और सभी प्रकार के दोषों से व्यक्ति शीघ्र ही मुक्त  हो जाता है। जीवन में समस्त कष्ट दूर होते हैं और सुख, शान्ति की प्राप्ति होती हैं। हनुमत् जन्मोत्सव के सम्बन्ध में वाल्मीकिरामायण में कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का वर्णन मिलता है।

किन्तु लोकप्रचलित एवं कुछ विद्वानों का मानना है कि चैत्र मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि को हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाना चाहिए। हनुमत् जन्मोत्सव के लिए तिथि सायंकाल व्यापिनी लेनी चाहिए। क्योंकि हनुमान जी का जन्म रात्रि में हुआ ऐसा वर्णन शास्त्रों में मिलता है।

विधि = हनुमत् जन्मोत्सव मनाने के लिए सर्वप्रथम पूजा स्थल को स्वच्छ  करके,  धुले- वस्त्र धारण करने के उपरान्त एकाग्रचित्त से किसी श्रेष्ठ ब्राह्मणों के द्वारा वैदिक मन्त्रों से श्रीहनुमान जी महराज की पूजा करने अथवा करवाने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। श्रृंगार में चमेली का तेल, नैवेद्यमें चना, गुड़ और बेसन के लड्डू का प्रसाद  चढ़ाने से मनोकामना पूर्ण होता है।

Benefits

हनुमत्जन्मोत्सव पाठ का माहात्म्य :-

  • हनुमत् जन्मोत्सव के समय की गयी आराधना सर्वदा प्रभावी होती है, हनुमान जी की कृपा दृष्टि अपने भक्तों पर शीघ्र होती है।
  • इस दिन हनुमान चालीस के 101या 51 पाठ ब्राह्मण से  करवाने से या स्वंय करने से हनुमान जी की कृपा करुणा का भाजन बनता है।
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान चालीस के पाठ करने से समस्त मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। 
  • हनुमत् जन्मोत्सव पर पूजा- अर्चना करने से विशिष्ट लाभ तथा उत्तम फल की प्राप्ति निश्चय ही होती है।
  • हनुमत् जन्मोत्सव पर अर्चना करसे से शनिदेव-सम्बन्धी दोषों का शमन होता है।
  • उत्तम गुणों का आधान तथा  शारीरिक पुष्टता की प्राप्ति होती है।
  • समस्त कुत्सित बाधाओं से राहत, तथा भौतिक सुखों की प्राप्ति शीघ्र ही हो जाती है।
  • बिगड़े हुए काम शीघ्र ही संभल जाते हैं तथा घर में सुख शान्ति और ऐश्वर्य  का आगमन हनुमान जी की कृपा से हो जाता है। 
Process

हनुमज्जन्मोत्सव में होने वाले प्रयोग या विधि-

  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
  10. नवग्रह मण्डल पूजन
  11. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  12. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  13. रक्षाविधान, 
  14. प्रधान देवता पूजन
  15. पाठ विधान
  16. आरती, विसर्जन
Puja Samagri

वैकुण्ठ के द्वारा दी जाने वाली पूजन सामग्री:-

  • रोली, कलावा    
  • सिन्दूर, लवङ्ग 
  • इलाइची, सुपारी 
  • हल्दी, अबीर 
  • गुलाल, अभ्रक 
  • गङ्गाजल, गुलाबजल 
  • इत्र, शहद 
  • धूपबत्ती,रुईबत्ती, रुई 
  • यज्ञोपवीत, पीला सरसों 
  • देशी घी, कपूर 
  • माचिस, जौ 
  • दोना बड़ा साइज,पञ्चमेवा 
  • सफेद चन्दन, लाल चन्दन 
  • अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला 
  • चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का 
  • सप्तमृत्तिका 
  • सप्तधान्य, सर्वोषधि 
  • पञ्चरत्न, मिश्री 
  • पीला कपड़ा सूती,

हवन सामग्री एवं यज्ञपात्र :-

  1. काला तिल 
  2. चावल 
  3. कमलगट्टा
  4. हवन सामग्री, घी,गुग्गुल
  5. गुड़ (बूरा या शक्कर) 
  6. बलिदान हेतु पापड़
  7. काला उडद 
  8. पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी
  9. प्रोक्षणी, प्रणीता, स्रुवा, शुचि, स्फय - एक सेट
  10. हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच 
  11. पिसा हुआ चन्दन 
  12. नवग्रह समिधा
  13. हवन समिधा 
  14. घृत पात्र
  15. कुशा
  16. पंच पात्र

यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:-

  • वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का - 1
  • गाय का दूध - 100ML
  • दही - 50ML
  • मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार 
  • फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार )
  • दूर्वादल (घास ) - 1मुठ 
  • पान का पत्ता - 07
  • पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg
  • पुष्पमाला - 7 ( विभिन्न प्रकार का)
  • आम का पल्लव - 2
  • विल्वपत्र - 21
  • तुलसी पत्र -7
  • शमी पत्र एवं पुष्प 
  • थाली - 2 , कटोरी - 5 ,लोटा - 2 , चम्मच - 2 आदि 
  • अखण्ड दीपक -1
  • देवताओं के लिए वस्त्र -  गमछा , धोती  आदि 
  • बैठने हेतु दरी,चादर,आसन 
  • गोदुग्ध,गोदधि
  • पानी वाला नारियल
  • तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित  

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