सरस्वती पूजा वसन्त पञ्चमी

सरस्वती पूजा वसन्त पञ्चमी

व्रतोत्सव त्यौहार | Duration : 4 Hours
Price Range: 5100 to 11000

About Puja

माता सरस्वती ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी हैं। इनकी उपासना करने से अज्ञान रूपी अंधकार का समूल विनाश होता है तथा सद्बुद्धि का विकास होता है। इनकी उपासना किसी भी दिन भक्तियुक्त मन से कर सकते हैं,परन्तु माता सरस्वती की विशिष्ट कृपा प्राप्ति हेतु इनकी उपासना वसन्त पञ्चमी के दिन निश्चित ही करनी चाहिये। इस दिन को माता के आविर्भाव दिवस के रूप में मनाया जाता है। अत एव देवी सरस्वती इस दिन अपने भक्तों से अतिशीघ्र प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ण करती हैं। इस दिन सभी शिक्षक विद्यार्थी एवं भक्तगण अपने घर, स्कूल, कॉलेज, कार्यस्थल पर मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं, तथा वागेश्वरी देवी से अज्ञानान्धकार की समाप्ति तथा ज्ञान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं, इनकी उपासना से विद्याध्ययन ,सरकारी सेवा, परीक्षा आदि में आ रही समस्त बाधाओं की निवृत्ति होती है, तथा बुद्धि में प्रखरता आती है।  *महर्षि आश्वलायन ने माता सरस्वती की उपासना के प्रभाव से तत्वज्ञान की प्राप्ति की। विद्यार्थियों की सुषुप्त मेधा (बुद्धि) को प्रकट करने वाली साक्षात् माता वाग्देवी सरस्वती हैं।

Benefits

सरस्वती माता पूजा का माहात्म्य:-

  • सरस्वती की उपासना करने से जीवन में सफलता और तरक्की का मार्ग प्रशस्त होता है।
  • बौद्धिक क्षमता का विकास होता है,तथा चित्त की चंचलता एवं मानसिक विकारों का परिहार होता है।
  • स्मरण शक्ति की वृद्धि होती है शिक्षा, व्यापार, सरकारी सेवा आदि क्षेत्रों में उन्नति का मार्ग खुल जाता हैं।
  • व्यक्ति में उचित निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है तथा विस्मृति, प्रमाद, आलस्य, दीर्घसूत्रता ,अरुचि आदि दुष्प्रवृत्तियों का विनाश होता है।
  • इनके स्तवन् से स्व-स्व कार्यक्षेत्र में उन्नयन होता है।
  • शास्त्रोक्त विधि से उपासना के द्वारा अष्टविध ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
  • माता-पिता अथवा अभिभावक का कर्त्तव्य है कि आपने पुत्र और पुत्री के ज्ञान, बुद्धि, मेधा, प्रज्ञा आदि के विकास के लिए ज्ञान दायिनी मां सरस्वती का विधिवत् उपासना करनी एवं करानी चाहिए।
Process

सरस्वती पूजा वसन्त पञ्चमी सहस्रनामपाठ प्रयोग या विधि:

  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
  10. नवग्रह मण्डल पूजन
  11. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  12. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं  पूजन 
  13. रक्षाविधान 
  14. प्रधान देवता पूजन
  15. पाठ विधान
  16. विनियोग
  17. करन्यास
  18. हृदयादिन्यास
  19. ध्यानम्
  20. स्तोत्र पाठ
  21. पंचभूसंस्कार, अग्नि स्थापन, ब्रह्मा वरण, कुशकण्डिका
  22. आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  23. घृताहुति, मूलमन्त्र आहुति, चरुहोम
  24. भूरादि नौ आहुति, स्विष्टकृत आहुति, पवित्रप्रतिपत्ति
  25. संस्रवप्राशन, मार्जन, पूर्णपात्र दान
  26. प्रणीता विमोक, मार्जन, बर्हिहोम 
  27. पूर्णाहुति, आरती, विसर्जन
Puja Samagri

 वैकुण्ठ के द्वारा दी जाने वाली पूजन सामग्री:-

  • रोली, कलावा    
  • सिन्दूर, लवङ्ग 
  • इलाइची, सुपारी 
  • हल्दी, अबीर 
  • गुलाल, अभ्रक 
  • गङ्गाजल, गुलाबजल 
  • इत्र, शहद 
  • धूपबत्ती,रुईबत्ती, रुई 
  • यज्ञोपवीत, पीला सरसों 
  • देशी घी, कपूर 
  • माचिस, जौ 
  • दोना बड़ा साइज,पञ्चमेवा 
  • सफेद चन्दन, लाल चन्दन 
  • अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला 
  • चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का 
  • सप्तमृत्तिका 
  • सप्तधान्य, सर्वोषधि 
  • पञ्चरत्न, मिश्री 
  • पीला कपड़ा सूती,

हवन सामग्री एवं यज्ञपात्र :-

  • काला तिल 
  • चावल 
  • कमलगट्टा
  • हवन सामग्री, घी,गुग्गुल
  • गुड़ (बूरा या शक्कर)
  • बलिदान हेतु पापड़
  • काला उडद 
  • पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी
  • प्रोक्षणी, प्रणीता, स्रुवा, शुचि, स्फय - एक सेट
  • हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच 
  • पिसा हुआ चन्दन 
  • नवग्रह समिधा
  • हवन समिधा 
  • घृत पात्र
  • कुशा
  • पंच पात्र

यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:-

  • वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का - 1
  • गाय का दूध - 100ML
  • दही - 50ML
  • मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार 
  • फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार )
  • दूर्वादल (घास ) - 1मुठ 
  • पान का पत्ता - 07
  • पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg
  • पुष्पमाला - 7 ( विभिन्न प्रकार का)
  • आम का पल्लव - 2
  • विल्वपत्र - 21
  • तुलसी पत्र -7
  • शमी पत्र एवं पुष्प 
  • थाली - 2 , कटोरी - 5 ,लोटा - 2 , चम्मच - 2 आदि 
  • अखण्ड दीपक -1
  • पानी वाला नारियल
  • देवताओं के लिए वस्त्र -  गमछा , धोती  आदि 
  • बैठने हेतु दरी,चादर,आसन 
  • तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित 
  • गोदुग्ध,गोदधि

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