श्रावण मास में शिवजी की पूजा करने से मिलते हैं ये 10 बड़े लाभ

श्रावण मास में शिवजी की पूजा करने से मिलते हैं ये 10 बड़े लाभ

हिन्दू धर्म में अनेक देवी-देवताओं को पूजा जाता है जिनमें से एक हैं भगवान् शिव । महादेव ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तों से शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं। इनके इसी विनम्र स्वभाव के कारण इन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है । कहते हैं कि श्रावण के माह में जो भक्त भगवान् शिव की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करते हैं भगवान् शिव उनके जीवन में आ रहे सभी संकटों को दूर करके उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं ।

वर्ष 2024 में श्रावण मास 22 जुलाई से आरम्भ हो रहा है । श्रावण मास भगवान् शिव को अत्यंत प्रिय है इसलिए इस मास को बहुत ही शुभ माना जाता है । भगवान् शिव और माता पार्वती को समर्पित श्रावण के इस मास की भिन्न-भिन्न  पौराणिक मान्यताएं हैं। 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान् शिव ने समुद्रमंथन से निकले हलाहल विष का पान किया जिसके कारण उनके कंठ में जलन(पीड़ा)  उत्पन्न होने लगी । इस जलन को शांत करने के लिए सभी देवी-देवता मिलकर उनका जलाभिषेक करने लगे । जिसके पश्चात् हलाहल विष से हो रही जलन का प्रभाव कम होने लगा और वे अतिप्रसन्न हुए । तभी से श्रावण के मास में भगवान् शिव का जलाभिषेक किया जाता है ।  

एक मान्यता ये भी है कि श्रावण मास में देवी पार्वती ने अपनी तपस्या से भगवान् शिव को प्रसन्न किया और उन्हें पति के रूप में प्राप्त किया था । इसलिए भगवान् शिव को श्रावण मास प्रिय है।  

आपको बता दें कि भगवान्  शिव और माता पार्वती को समर्पित श्रावण मास में शिवजी की पूजा करने का विशेष महत्व है और उनकी पूजा से भक्तों को  विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं ।  

आइये जानते हैं श्रावण मास में शिव पूजा से प्राप्त होने वाले 10 बड़े लाभ -

  • यदि किसी जातक को संतान प्राप्ति में कठिनाई हो रही है तो श्रावण मास में गाय के दुग्ध से शिवलिंग का दुग्धाभिषेक अवश्य करें । ऐसा करने से भगवान् शिव की कृपा प्राप्ति से संतान की प्राप्ति होती है तथा सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ।  
  • जो मनुष्य किसी भी प्रकार के दुख से पीड़ित है या फिर उसे किसी रोग से मुक्ति नहीं मिल रही है तो गंगाजल से भगवान् के लिंग स्वरूप का जलाभिषेक करना चाहिए । ऐसा करने से व्यक्ति को सभी रोगों से मुक्ति मिलेगी । साथ ही सुहागन स्त्रियां इस दिन अपने पति और पुत्र की लम्बी आयु के लिए उपवास रख सकती हैं ।  
  • यदि आप धन से जुडी समस्याओं से निजात पाना चाहते हैं या फिर अधिक  प्रयासों के बावजूद भी आपको सफलता प्राप्त नहीं हो रही है तो आप श्रावण मास में स्वर्ण निर्मित शिवलिंग की पूजा अवश्य करें । स्वर्ण शिवलिंग की प्राप्ति प्रायः सरल नहीं है लेकिन ऐसे शिवलिंग की पूजा करने से भगवान् शिव की कृपा के साथ माता लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है और कभी भी धन का अभाव नहीं होता ।  
  • यदि आप चाहते हैं कि आपकी सभी इच्छाएं पूर्ण हो तो आप 21 बिल्वपत्र लेकर उन पर चंदन से “ॐ नमः शिवाय” लिखें और उन्हें शिवलिंग पर चढ़ा दें । ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी ।  
  • यदि आपके विवाह में अड़चनें आ रही है तो आप श्रावणमास में शिवलिंग पर दूध में केसर मिलाकर अभिषेक करने से विवाह शीघ्र होता है । कुंवारी कन्याएं सोलह सोमवार का उपवास रख सकती हैं ।  
  • घर में सुख समृद्धि बनाए रखने के लिए श्रावण के माह में बैल को हरा चारा खिलाएं । ऐसा करने से आपकी सभी परेशानियां दूर होंगी तथा घर में सुख शांति का वातावरण व्याप्त होगा।  
  • श्रावणमास  में ब्राह्मणों को दान दें और उन्हें भोजन अवश्य करवाएं । इससे घर में कभी भी अन्नभण्डार में अल्पता नहीं आती एवं पितरों की आत्मा को शान्ति प्राप्त होती है ।  
  • यदि आपको क्रोध अधिक आता है तो आप श्रावणमास में शिव मंत्र का जप करते हुए शिवलिंग का जलाभिषेक करें । इससे व्यक्ति का स्वभाव शांत होता है और व्यवहार में प्रेम-सौहार्द की भावना अविभूत होती है।  
  • श्रावणमास में शहद से शिवलिंग का अभिषेक करने पर वाणी में मिठास आती है। जिससे परिवार तथा समाज में प्रेम की भावना व्याप्त होती है।
  • शिवलिंग का दही से अभिषेक करने पर कार्य में आ रही अड़चनें दूर होती है और बिगड़ते हुए कार्य सिद्ध होते  हैं।  

वैदिक पद्धति से विशिष्ट पूजा-पाठ, यज्ञानुष्ठान, षोडश संस्कार, वैदिकसूक्ति पाठ, नवग्रह जप आदि के लिए हमारी साइट vaikunth.co पर जाएं तथा अभी बुक करें | 

Vaikunth Blogs

Are Pujas Being Globally Accepted Today?
Are Pujas Being Globally Accepted Today?

UNESCO’s news changed the world’s look towards Puja. More precisely, the Bangla culture saw worldwid...

समस्त भौतिक दु:खों से निवृत्ति तथा अनन्त सुख की प्राप्ति हेतु करें माँ दुर्गा जी की यह “दुर्गा स्तुति”
समस्त भौतिक दु:खों से निवृत्ति तथा अनन्त सुख की प्राप्ति हेतु करें माँ दुर्गा जी की यह “दुर्गा स्तुति”

श्रीभागवत महापुराण के अन्तर्गत् वेद भगवान् के द्वारा भगवती दुर्गा की स्तुति की गयी | भगवती सभी प्रका...

महामृत्युंजय मंत्र के जप का वैदिक एवं पौराणिक महत्व
महामृत्युंजय मंत्र के जप का वैदिक एवं पौराणिक महत्व

पुराणों में महामृत्युंजय मन्त्र जप एवं अनुष्ठान को विशेष प्रभावी बताया गया है, इसका उल्लेख ऋग्वेद, य...

आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ से होगी‌ सर्वत्र विजय की प्राप्ति और व्यापार में वृद्धि
आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ से होगी‌ सर्वत्र विजय की प्राप्ति और व्यापार में वृद्धि

भगवान सूर्य देव को समर्पित यह आदित्यहृदय स्तोत्र श्री वाल्मीकि रामायण के युद्धकाण्ड के 105 में सर्ग...

Hanuman Jayanti 2024:  Date, Auspicious Time and Spiritual Significance
Hanuman Jayanti 2024: Date, Auspicious Time and Spiritual Significance

Hanuman Jayanti is marked by the birth anniversary of Lord Hanuman and is celebrated by Hindus all o...

करियर में उन्नति प्राप्त करने के लिए करें ये उपाय  ।
करियर में उन्नति प्राप्त करने के लिए करें ये उपाय ।

प्रत्येक मनुष्य अपने करियर (भविष्य), और व्यापार,में निरन्तर उन्नति चाहता है । अपने करियर और व्यापार...

 +91 |

By clicking on Login, I accept the Terms & Conditions and Privacy Policy

Recovery Account