नव वर्ष में करें नवग्रह पूजा, सुख-शांति और व्यवसाय में होगी उन्नति

नव वर्ष में करें नवग्रह पूजा, सुख-शांति और व्यवसाय में होगी उन्नति

नववर्ष प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में नई खुशी एवं नए लक्ष्यों को पाने की उम्मीद को जगाता है। बीता साल भले ही कैसा गया हो, लेकिन नववर्ष पर सभी लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और कामना करते हैं कि यह वर्ष आपके जीवन में सुख- शांति एवं खुशहाली से भर जाए। लेकिन हमारी जीवन की डोर हमारी कुंडली में होती है, क्योंकि ग्रह नक्षत्रों की स्थिति व्यक्ति पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। नकारात्मक प्रभाव से आर्थिक एवं शारीरिक हानि हो सकती है और सकारात्मक प्रभाव व्यक्ति को उन्नति की ओर लेकर जाता है।  

लेकिन अब प्रश्न उठता है कि आखिर क्या किया जाए जिससे ग्रह का सकारात्मक प्रभाव हमारे जीवन पर पड़े, तो इसके लिए यदि वर्ष की शुरूआत नवग्रह शांति पूजा द्वारा संपन्न की जाए तो भविष्य में इसका सकारात्मक असर व्यवसाय, पारिवारिक जीवन एवं आर्थिक उन्नति के रूप में देखने को मिलता है। वैसे भी कहा जाता है कि वर्ष के प्रथम दिवस पर जो कार्य किया जाता है उसका प्रभाव पूरे वर्ष देखने को मिलता है। नवग्रह पूजन से व्यक्ति के नवग्रह संतुलित रहते हैं और भविष्य के कष्टों से छुटकारा मिलता है।   

नवग्रह शांति पूजन का महत्व  

नवग्रह शांति पूजन जीवन में असंतुलित ग्रहों की शांति तथा समस्त दोषों को दूर करने के लिए एक विशेष पूजा है। ग्रहों एवं नक्षत्रों के कारण ही मनुष्य के जीवन में आने वाले सुख, दुख, लाभ हानि, यश अपयश, जय पराजय आदि द्वंद आते हैं। ग्रह नक्षत्रों को शांत करने हेतु हमारे पौराणिक ग्रंथों में नवग्रह पूजन का विधान बताया गया है, जिसमें नवग्रहों की पूजा की जाती है एवं यही नौ ग्रह हमारे जीवन में धन, सुख, शांति, साहस-ताकत, स्वास्थ्य, व्यावसायिक सफलता, ज्ञान, दीर्घायु, उच्च शिक्षा आदि के प्रदाता हैं।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 12 राशियां होती हैं और ये 9 ग्रह प्रत्येक राशि में अपनी गति और चाल के अनुसार दिशा बदलते हैं। चाल बदलते-बदलते यह ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं जिससे व्यक्ति के जीवन में भी बदलाव देखने को मिलता है, जो उन्हें सकारात्मक एवं नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। नवग्रह पूजन व्यक्ति के जीवन के नकारात्मक प्रभाव को कम करके उसे साकारात्मकता की ओर अग्रसर करता है, जिससे उसके सारे महत्वपूर्ण कार्य संपन्न होने लगते हैं एवं जीवन में सुख-शांति की लहर दौड़ उठती है।  

नवग्रह शांति पूजा के लाभ   

1. व्यापारिक बाधाएं होती हैं दूर : नवग्रह पूजा से उन ग्रहों की शांति होती है जो व्यापारिक बाधाओं का कारण बनते हैं। यदि आपके ग्रह नववर्ष की शुरूआत में ही शांत हो जाएं तो आप भविष्य में आने वाली किसी भी प्रकार की व्यापारिक बाधा से सरलतापूर्वक निपट सकते हैं, जिससे व्यापार में उन्नति होगी।      

2. ग्रहों की बनेगी कृपा: व्यापार में उन्नति के लिए हर एक ग्रह की कृपा पाना बहुत आवश्यक है। क्योंकि प्रत्येक ग्रह जीवन में सुख, शांति, धन, स्वास्थ्य इत्यादि के प्रदाता हैं, इसलिए नवग्रहों की पूजा होती है जिससे वह प्रसन्न होते हैं एवं उनकी कृपा आप पर एवं पूरे परिवार पर बनीं रहती है।    

3. दोष का निवारण: नवग्रह पूजन के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में सुख शांति और समृद्धि का संचार बना रहता है। क्योंकि इस पूजा के माध्यम से कुंडली के सारे दोष शांत हो जाते हैं और जीवन में सफलता का संचार होता है। 

4. नये अवसरों: नवग्रह पूजा से व्यक्ति को नए और सकारात्मक अवसरों की प्राप्ति होती है, जो व्यापार को नई दिशा की ओर पहुंचाने में मदद करती है। साथ ही रूके हुए कार्य भी संपन्न होते हैं।   

5. मनोबल में वृद्धि: नवग्रह पूजा व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत बनाती है, जिससे उन्हें अच्छे एवं सही निर्णय लेने की क्षमता मिलती है और व्यापार को सही दिशा में ले जाती है।  

नवग्रह पूजा व्यक्ति को सफलता का मार्ग दिखाता है एवं भविष्य में आने वाली किसी भी प्रकार की बाधा से निपटने में सहायता करता है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि आप मेहनत करना छोड़ दें, व्यापार में उन्नति हेतु व्यक्ति को नवग्रह पूजा के साथ-साथ, व्यापार की समृद्धि के लिए मेहनत, नौकरी कर्मियों के बीच संतुलन बनाएं रखना, अच्छी सेवाएं प्रदान करना एवं उत्पादों या सेवाओं का प्रचार-प्रसार करना अति आवश्यक है। नवग्रह पूजन वैदिक विधि विधान द्वारा ही संपन्न किया जाना चाहिए, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और वैभव का संचार बना रहता है। वैदिक विधि द्वारा नवग्रह पूजा संपन्न करने हेतु वैकुण्ठ आपकी सहायता कर सकता है। वैकुण्ठ एक ऑनलाइन पंडित बुकिंग ऐप है, जिसके माध्यम से किसी भी प्रकार की पूजा के लिए ऑनलाइन पंडित जी की बुकिंग की जाती है।   

Vaikunth Blogs

जानें स्कन्दषष्ठी का पूजन-अर्चन तथा माहात्म्य
जानें स्कन्दषष्ठी का पूजन-अर्चन तथा माहात्म्य

।। स्कन्द षष्ठी व्रत ।। कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की षष्ठी तिथि को स्कन्द षष्ठी का व्रत किया जाता...

Vat Savitri Puja 2024: Date, Time, Vidhi and Benefits
Vat Savitri Puja 2024: Date, Time, Vidhi and Benefits

Vat Savitri is one of the most regarded festivals in Sanatan Dharma, celebrated by married women. Th...

Holika Dahan 2024: Date, Significance, Shubh Muhurat, and Puja Rituals
Holika Dahan 2024: Date, Significance, Shubh Muhurat, and Puja Rituals

Holi is one of the major festivals celebrated in India in the month of March. In this two-day festiv...

भगवान् शिव की कृपा प्राप्ति का सर्वोत्तम उपाय,महर्षि असित कृत शिव स्तोत्र
भगवान् शिव की कृपा प्राप्ति का सर्वोत्तम उपाय,महर्षि असित कृत शिव स्तोत्र

यह स्तोत्र “ब्रह्मवैवर्त महापुराण” के अन्तर्गत महर्षि असित द्वारा गेय है । इस स्तोत्र में कुल नौ श्ल...

महामृत्युंजय मंत्र के जप का वैदिक एवं पौराणिक महत्व
महामृत्युंजय मंत्र के जप का वैदिक एवं पौराणिक महत्व

पुराणों में महामृत्युंजय मन्त्र जप एवं अनुष्ठान को विशेष प्रभावी बताया गया है, इसका उल्लेख ऋग्वेद, य...

सत्यनारायण कथा का पाठ करवाने के 10 लाभ
सत्यनारायण कथा का पाठ करवाने के 10 लाभ

सत्यनारायण कथा, भगवान विष्णु को समर्पित एक प्रमुख कथा है, जिसके प्रभाव से भगवान नारायण की कृपा सदैव...

 +91 |

By clicking on Login, I accept the Terms & Conditions and Privacy Policy

Recovery Account