About Puja
हनुमान चालीसा भगवान् श्रीराम चन्द्र जी के परम भक्त श्री हनुमानजी महाराज को समर्पित एक स्तुत्यात्मक ग्रन्थ है। पौराणिक दृष्टि से कहा जाता है, कि प्रतिदिन हनुमान चालीसा का सस्वर पाठ करने से अनेक लाभ होते हैं।
श्रीहनुमान जी महराज चिरंजीवी हैं। ये प्रतिक्षण उस स्थान पर आसीन रहते हैं जहां इनके स्वामी भगवान श्रीरामचन्द्र जी की कथा, वार्ता, कीर्तन एवं आराधन होता है। कलिकाल के ये प्रत्यक्ष देवता है इनकी आराधना से सारे कार्य सहजतया सम्पन्न हो जाते हैं श्री हनुमान को बुद्धि, विद्या, साहस और शक्ति की अभिलाषा से सभी लोग पूजते हैं। प्रभु हनुमान को बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है, श्रीगोस्वामी तुलसीदास जी महराज के द्वारा रचित यह लघुकाय वाला ग्रन्थ भक्तों के लिए विशेष प्रभावशाली है। भक्तों को हनुमानजी महाराज की कृपा प्राप्ति के लिए श्रीहनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए। हनुमान चालीसा के इन 40 चौपाईयों का प्रतिदिन पाठ करने से समस्त कामनाओं की सिद्धि होती है। महत्पुरुष अपने अनुभव के द्वारा कहते हैं- जब कोई व्यक्ति श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करता है, तो श्री हनुमानजी महाराज उन भक्तों की सभी समस्याओं का समाधान करते हैं।
Benefits
श्रीहनुमान चालीसा के पाठ का माहात्म्य:-
- यदि आपको बुरे स्वप्न आते हैं, भय की स्थिति बनती है तो, बुरी आत्माएं दिखाई देती हैं तो इससे छुटकारा पाने के लिए आप अनुष्ठानात्मक हनुमान चालीसा का पाठ करके उन दु:स्वप्नों से स्वयं की रक्षा कर सकते है। श्री हनुमानजी महाराज उन बुराइयों, दुस्वप्नों और आत्माओं से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं।
- श्री हनुमानजी महाराज आपके रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने में मदद करते हैं।
- आप आगे एक सहज जीवन जीने में सक्षम होते हैं।
- नित्य हनुमान चालीसा का पाठ करने से तनाव दूर होता है। यह पूरे दिन खुश रखने में मदद करता है।
- किसी भी यात्रा से पूर्व हनुमान चालीसा का पाठ किसी भी दुर्घटना से बचाता है और पाठ कर्ता को सुरक्षित यात्रा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- हनुमान चालीसा का पूरी भक्ति के साथ पाठ करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- प्रभु हनुमानजी भक्त की भक्ति को देखते हैं और भक्त को वह सब कुछ प्राप्त करने के लिए अद्भुत शक्तियों का आशीर्वाद देते हैं।
- बहुत से लोग जो अपनी कुंडली में शनिदेव की नीच (बलहीन) स्थिति के कारण पीड़ित होते हैं, उन्हें प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से लोगों की पीड़ा कम करने में मदद मिलती है।
- यह पाठ अनुष्ठान पूर्वक करने अथवा कराने का विशेष माहात्म्य है।
Process
हनुमान चालीसा पाठ में होने वाले प्रयोग या विधि:-
- स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
- प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
- गणपति गौरी पूजन
- कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
- पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
- षोडशमातृका पूजन
- सप्तघृतमातृका पूजन
- आयुष्यमन्त्रपाठ
- सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
- नवग्रह मण्डल पूजन
- अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
- पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन
- रक्षाविधान
- आरती
Puja Samagri
वैकुण्ठ के द्वारा दी जाने वाली पूजन सामग्री:-
- रोली, कलावा
- सिन्दूर, लवङ्ग
- इलाइची, सुपारी
- हल्दी, अबीर
- गुलाल, अभ्रक
- गङ्गाजल, गुलाबजल
- इत्र, शहद
- धूपबत्ती,रुईबत्ती, रुई
- यज्ञोपवीत, पीला सरसों
- देशी घी, कपूर
- माचिस, जौ
- दोना बड़ा साइज,पञ्चमेवा
- सफेद चन्दन, लाल चन्दन
- अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला
- चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का
- सप्तमृत्तिका
- सप्तधान्य, सर्वोषधि
- पञ्चरत्न, मिश्री
- पीला कपड़ा सूती,
यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:-
- वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का - 1
- गाय का दूध - 100ML
- दही - 50ML
- मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार
- फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार )
- दूर्वादल (घास ) - 1मुठ
- पान का पत्ता - 07
- पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg
- पुष्पमाला - 7 ( विभिन्न प्रकार का)
- आम का पल्लव - 2
- विल्वपत्र - 21
- तुलसी पत्र -7
- शमी पत्र एवं पुष्प
- थाली - 2, कटोरी - 5, लोटा - 2, चम्मच - 2 आदि
- अखण्ड दीपक -1
- देवताओं के लिए वस्त्र - गमछा, धोती आदि
- बैठने हेतु दरी,चादर,आसन
- पानी वाला नारियल
- तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित
- गोदुग्ध,गोदधि,