श्रीभवानीसहस्रनामस्तोत्र

चण्डी होम

वैदिक यज्ञ एवं होम | Duration : 4 Hrs 45 min
Price Range: 5100 to 11000

About Puja

पराम्बा मां जगदम्बा को प्रसन्न करने,अच्छे स्वास्थ्य और सुखी पारिवारिक जीवन का आनन्द लेने के लिए किया जाने वाला एक शक्तिशाली होम है। चण्डी होम देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने की कामना से किया जाता है। चण्डी  देवी दुर्गा माता का दूसरा नाम है, जैसा कि देवी माहात्म्य में वर्णित है। चण्डी होम अर्थात् माता दुर्गा की पूजा अर्चना के उपरान्त करने वाला होम होता है। मां दुर्गा ही साक्षात् चण्डी स्वरुपा हैं, यह बहुत ही शक्तिशाली होम है, इसके प्रभाव से भक्त को उत्तम स्वास्थ्य तथा आरोग्यता की प्राप्ति होती है और याचक सुखपूर्वक पारिवारिक जीवन व्यतीत करता है। इस होम के अन्तर्गत मुख्य रूप से देवी दुर्गा को चण्डी रूप में आहुतियां प्रदान की जाती हैं। इस होम में देवी चण्डी को देवी दुर्गा के उग्र और भावुक रूप में पूजा जाता है। देवी माहात्म्य के अनुसार, देवी को अठारह भुजाओं से युक्त बताया गया है, प्रत्येक के पास एक अलग अस्त्र-शस्त्र जिससे अपने साधकों की रक्षा मां चण्डी करती हैं। देवी चण्डी को ब्रह्माण्ड की माता प्रकृति शक्ति और ऊर्जा (तेज) का अवतार माना जाता है। उन्हें ब्रह्मा,विष्णु और शिव की पवित्र त्रिमूर्ति का निर्माता भी माना जाता है। 

चण्डी होम किसे करना चाहिए?

  • कुण्डली में व्याप्त गम्भीर दोषों तथा ग्रहों की स्थिति को मजबूत करने के लिये एवं उनके कुप्रभावों से पीड़ित व्यक्ति की रक्षा करने के लिए चण्डी होम करना चाहिए।
  • जिस भी साधक को काला जादू, श्राप और नकारात्मक ऊर्जा से पीड़ित होने का संदेह हो, उसके प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए चण्डी होम अत्यावश्यक है। धर्मशास्त्रों के अनुसार भयों तथा संकटों से निवृत्ति पाने के लिए चण्डी होम का विधान किया जाता है।
  • होम की अनुशंसा उन लोगों के लिए भी की जाती है, जो अपने जीवन में किए गए किसी भी दुष्कर्म के लिए देवी से प्रायश्चित या क्षमा हेतु करवाते हैं।
Benefits

चण्डी होम से लाभ:-

  • चण्डी होम करने से स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं और पारिवारिक विवाद सुलझ जाते हैं।
  • साधक की कुण्डली से शाप और बाधाओं का प्रभाव दूर हो जाता है।
  • भक्त के जीवन में नाम, प्रसिद्धि और सफलता प्राप्त करने के लिए यह होम किया जाता है।
  • होम करने से सफलता मिलती है, और जीवन में शत्रुओं अथवा विरोधी तत्वों पर विजय भी प्राप्त होती है।
Process

चण्डी होम में होने वाले प्रयोग या विधि:-

  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. नवग्रह मण्डल पूजन
  10. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  11. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  12. रक्षाविधान, 
  13. प्रधान देवता पूजन
  14. पाठ विधान
  15. विनियोग,करन्यास, हृदयादिन्यास
  16. ध्यानम्, स्तोत्र पाठ
  17. पंचभूसंस्कार, अग्नि स्थापन, ब्रह्मा वरण, कुशकण्डिका
  18. आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  19. घृताहुति, मूलमन्त्र आहुति, चरुहोम
  20. भूरादि नौ आहुति स्विष्टकृत आहुति, पवित्रप्रतिपत्ति
  21. संस्रवप्राश , मार्जन, पूर्णपात्र दान
  22. प्रणीता विमोक, मार्जन, बर्हिहोम 
  23. पूर्णाहुति, आरती, विसर्जन
Puja Samagri

वैकुण्ठ के द्वारा दी जाने वाली पूजन सामग्री:-

  • रोली, कलावा    
  • सिन्दूर, लवङ्ग 
  • इलाइची, सुपारी 
  • हल्दी, अबीर 
  • गुलाल, अभ्रक 
  • गङ्गाजल, गुलाबजल 
  • इत्र, शहद 
  • धूपबत्ती,रुईबत्ती, रुई 
  • यज्ञोपवीत, पीला सरसों 
  • देशी घी, कपूर 
  • माचिस, जौ 
  • दोना बड़ा साइज,पञ्चमेवा 
  • सफेद चन्दन, लाल चन्दन 
  • अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला 
  • चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का 
  • सप्तमृत्तिका 
  • सप्तधान्य, सर्वोषधि 
  • पञ्चरत्न, मिश्री 
  • पीला कपड़ा सूती

हवन सामग्री एवं यज्ञपात्र :-

  • काला तिल 
  • चावल 
  • कमलगट्टा
  • हवन सामग्री, घी,गुग्गुल
  • गुड़ (बूरा या शक्कर)
  • बलिदान हेतु पापड़
  • काला उडद 
  • पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी
  • प्रोक्षणी, प्रणीता, स्रुवा, शुचि, स्फय - एक सेट
  • हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच 
  • पिसा हुआ चन्दन 
  • नवग्रह समिधा
  • हवन समिधा 
  • घृत पात्र
  • कुशा
  • पंच पात्र

यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:-

  • वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का - 1
  • गाय का दूध - 100ML
  • दही - 50ML
  • मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार 
  • फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार )
  • दूर्वादल (घास ) - 1मुठ 
  • पान का पत्ता - 07
  • पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg
  • पुष्पमाला - 7 ( विभिन्न प्रकार का)
  • आम का पल्लव - 2
  • विल्वपत्र - 21
  • तुलसी पत्र -7
  • शमी पत्र एवं पुष्प 
  • पानी वाला नारियल
  • थाली - 2, कटोरी - 5, लोटा - 2, चम्मच - 2 आदि 
  • अखण्ड दीपक -1
  • तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित  
  • देवताओं के लिए वस्त्र -  गमछा, धोती  आदि 
  • बैठने हेतु दरी,चादर,आसन 
  • गोदुग्ध,गोदधि

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