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लक्ष्मी कुबेर होम

वैदिक यज्ञ एवं होम | Duration : 4 Hours
Price Range: 5100 to 7100

About Puja

लक्ष्मी कुबेर होम में,धन की अधिष्ठात्री देवी माता लक्ष्मी जी तथा धन के संरक्षणकर्ता के रूप में भगवान कुबेर की उपासना की जाती है। माता लक्ष्मी तथा भगवान कुबेर की कृपा एक साथ प्राप्त करने के लिए हमारे धर्मशास्त्रों में लक्ष्मी कुबेर होम का विधान विस्तृत रूप में वर्णित किया गया है। इस होम  को करने से  माता लक्ष्मी और धन के स्वामी कुबेर महाराज की कृपा से वित्तीय वृद्धि और जीवन में भौतिक वस्तुओं को प्राप्त करने में सफलता मिलती है। इस होम के प्रभाव से आय में दिन प्रतिदिन सुधार होता है तथा धन सम्बन्धी उत्पन्न होने वाली बाधाओं का शमन होता है, जिससे व्यक्ति का आर्थिक प्रवाह (धन का आगमन) निरन्तर बढ़ता है। माता लक्ष्मी तथा भगवान कुबेर की कृपा दृष्टि से व्यक्ति का भौतिक विकास के साथ ही सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है, तथा याचक की आत्मविश्वास की वृद्धि होती है।आय का स्रोत बढ़ाने,वित्तीय स्थिरता प्राप्त कराने और धन से सम्बन्धित बाधाओं को यह होम निश्चित ही दूर करता है,तथा याचक की समस्त कामनाओं की पूर्ति करता है ।
यह होम किसे करना चाहिए ?
बेहतर स्वास्थ्य, धन और समृद्धि की प्राप्ति करने वाले भक्तों के लिए यह उत्तम साधन है।
यह सनातन हिंदू धर्म में वाणिज्यिक, व्यावसायिक तथा उद्योग, कारखाने आदि की शुरूआत से पूर्व  किया जाने वाला महत्वपूर्ण होम है तथा मध्य मध्य में भी अपने संस्थानों तथा व्यावसायिक केन्द पर लक्ष्मी कुबेर होम निश्चित करानी चाहिए।

लक्ष्मी कुबेर होम कब करना चाहिए? 

  • यह होम दिवाली,मंगलवार, शुक्रवार,पूर्णिमा, त्रयोदशी तथा प्रदोष बेला में करना चाहिए।
  •  जन्म पत्रिका के अनुसार ग्रहों की स्थिति को देखते हुए भी यह होम करना उचित है। 
  •  अक्षय तृतीया के दिन इस होम को करने से धन और समृद्धि, वैभव ,यश ,कीर्ति आदि की प्राप्ति  होती है।
Benefits

लक्ष्मी कुबेर होम से लाभ:-

  • इस होम के प्रभाव से ऋण की  मुक्ति होती है।
  • साधक की धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
  • इस होम के करने से व्यवसाय में सफलता की प्राप्ति होती है।
  • धन से सम्बंधित तनाव, चिंता से राहत मिलती है और साधक का भौतिक कल्याण होता है।
Process

लक्ष्मी कुबेर होम में होने वाले प्रयोग या विधि:-

  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
  10. नवग्रह मण्डल पूजन
  11. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  12. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  13. रक्षाविधान, 
  14. प्रधान देवता पूजन
  15. पाठ विधान
  16. विनियोग,करन्यास, हृदयादिन्यास
  17. ध्यानम्, स्तोत्र पाठ
  18. पंचभूसंस्कार, अग्नि स्थापन, ब्रह्मा वरण, कुशकण्डिका
  19. आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  20. घृताहुति, मूलमन्त्र आहुति, चरुहोम
  21. भूरादि नौ आहुति स्विष्टकृत आहुति, पवित्रप्रतिपत्ति
  22. संस्रवप्राश , मार्जन, पूर्णपात्र दान
  23. प्रणीता विमोक, मार्जन, बर्हिहोम 
  24. पूर्णाहुति, आरती, विसर्जन
Puja Samagri

वैकुण्ठ के द्वारा दी जाने वाली पूजन सामग्री:-

  • रोली, कलावा    
  • सिन्दूर, लवङ्ग 
  • इलाइची, सुपारी 
  • हल्दी, अबीर 
  • गुलाल, अभ्रक 
  • गङ्गाजल, गुलाबजल 
  • इत्र, शहद 
  • धूपबत्ती,रुईबत्ती, रुई 
  • यज्ञोपवीत, पीला सरसों 
  • देशी घी, कपूर 
  • माचिस, जौ 
  • दोना बड़ा साइज,पञ्चमेवा 
  • सफेद चन्दन, लाल चन्दन 
  • अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला 
  • चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का 
  • सप्तमृत्तिका 
  • सप्तधान्य, सर्वोषधि 
  • पञ्चरत्न, मिश्री 
  • पीला कपड़ा सूती,

हवन सामग्री एवं यज्ञपात्र :-

  • काला तिल 
  • चावल 
  • कमलगट्टा,
  • हवन सामग्री, घी,गुग्गुल
  • गुड़ (बूरा या शक्कर) 
  • बलिदान हेतु पापड़
  • काला उडद 
  • पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी
  • प्रोक्षणी, प्रणीता, स्रुवा, शुचि, स्फय - एक सेट
  • हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच 
  • पिसा हुआ चन्दन 
  • नवग्रह समिधा
  • हवन समिधा 
  • घृत पात्र
  • कुशा
  • पंच पात्र

यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:-

  • वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का - 1
  • गाय का दूध - 100ML
  • दही - 50ML
  • मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार 
  • फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार )
  • दूर्वादल (घास ) - 1मुठ 
  • पान का पत्ता - 07
  • पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg
  • पुष्पमाला - 7 ( विभिन्न प्रकार का)
  • आम का पल्लव - 2
  • विल्वपत्र - 21
  • तुलसी पत्र -7
  • शमी पत्र एवं पुष्प 
  • थाली - 2, कटोरी - 5, लोटा - 2, चम्मच - 2 आदि 
  • अखण्ड दीपक -1
  • देवताओं के लिए वस्त्र -  गमछा, धोती  आदि 
  • बैठने हेतु दरी,चादर,आसन 
  • तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित
  • गोदुग्ध,गोदधि
  • पानी वाला नारियल

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