महामृत्युञ्जय होम

महामृत्युञ्जय होम

वैदिक यज्ञ एवं होम | Duration : 3 Hrs 30 min
Price Range: 5100 to 7100

About Puja

वैदिक अथवा पौराणिक मन्त्र विशिष्ट शक्ति से सम्पन्न होते है तथापि महामृत्युंजय मन्त्र में अन्य मन्त्रों की अपेक्षा अकल्पनीय  दिव्यशक्ति  है। यह एक शक्तिशाली उपचारात्मक मन्त्र है, जो भगवान शिव को समर्पित है। महामृत्युञ्जय मन्त्र  ऋग्वेद में प्राप्त होता है और इसे मृत्यु के भय पर विजय प्राप्त करने के लिए सबसे विशिष्ट मन्त्र माना है।भगवान शिव को अर्पित यह महामृत्युञ्जय होम दीर्घायु, आरोग्य, गम्भीर बीमारियों से राहत पाने के लिए किया जाता है। मृत्युञ्जय मन्त्र जप और हवनात्मक पूजा के प्रभाव से  मृत्युशैय्या पर पड़े हुए व्यक्ति को भी अभय जीवन का वरदान भगवान मृत्युञ्जय प्रदान करते हैं,तथा उस रोगी को स्वस्थ करते हैं। श्रीमहामृत्युञ्जय मन्त्र ऐसा अलौकिक मन्त्र है, जो व्यक्ति की ओर आने वाली मृत्यु पर भी विजय प्राप्त कराता  है, इसलिए महामृत्युंजय पूजा उस व्यक्ति के लिए की जाती है जो गंभीर बीमारी से पीड़ित हो। महा मंत्र का जप अथवा होम  मृत्युञ्जय हवन और मन्त्र जाप हमेशा शुभ मुहूर्त जैसे मासशिवरात्रि, महाशिवरात्रि श्रावणी सोमवार, प्रदोष, कृष्ण अथवा शुक्लपक्ष के सोमवार से शुरू करना चाहिए।सावन में इसका जप और हवन करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है।

महामृत्युञ्जय होम किसे करना चाहिए?

महामृत्युञ्जय होम कोई भी कर सकता है । लेकिन यह विशेष रूप से बीमारियों, बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए करना लाभकारी है। यह उन लोगों के लिए भी आदर्श है जो शान्ति सुकून, खुशहाली तथा जीवन में सन्तुलन चाहते हैं। आध्यात्मिक विकास और मोक्ष की तलाश करने वालों के लिए भी महा मृत्युञ्जय होम उत्तम उपाय है।

Benefits

महामृत्युञ्जय होम के लाभ:-

  • इस होम के प्रभाव से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, तथा समस्त‌ मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • इस होमात्मक पूजा से व्यापार वृद्धि के निमित्त भी लाभ प्राप्त होता हैं।
  • इस होम से तनाव, परेशानी, त्रिविध दुःख, चिन्ता आदि दूर होती है, तथा परिवार में नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  • हवनकर्ता को लम्बी आयु, जीवन में सन्तुलन, सुख-समृद्धि, शान्ति तथा अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • रोग, व्याधि और अकाल मृत्यु का शमन होता है।
  • पारिवारिक समस्याओं आपदाओं, दुर्घटनाओं से रक्षा होती है।
  • साधक को आध्यात्मिकता के मार्ग में प्रवृत्त करता है तथा जीवन में आशीर्वाद और मोक्ष की प्राप्ति कराता है।
  • जीवन के सभी बुरे प्रभावों को शान्त कर देता है।
  • अस्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार करता है।
  • यह आपके और आपके परिवार के चारों ओर सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है। ना केवल इस जीवन के ज्ञाताज्ञात पाप बल्कि अतीत के  सभी पापों को भी समाप्त कर देता है।
  • यह हवनात्मक पूजा अनेक दोष जैसे नाड़ी दोष, भकूट दोष,वाक् दोष आदि को दूर करने के लिए की जाती है।
Process

 महामृत्युञ्जय होम में  होने वाले प्रयोग या विधि:-

  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  10. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  11. रक्षाविधान, 
  12. प्रधान देवता पूजन
  13. पाठ विधान
  14. विनियोग,करन्यास, हृदयादिन्यास
  15. ध्यानम्, स्तोत्र पाठ
  16. पंचभूसंस्कार, अग्नि स्थापन, ब्रह्मा वरण, कुशकण्डिका
  17. आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  18. घृताहुति, मूलमन्त्र आहुति, चरुहोम
  19. भूरादि नौ आहुति स्विष्टकृत आहुति, पवित्रप्रतिपत्ति
  20. संस्रवप्राश , मार्जन, पूर्णपात्र दान
  21. प्रणीता विमोक, मार्जन, बर्हिहोम 
  22. पूर्णाहुति, आरती, विसर्जन
Puja Samagri

वैकुण्ठ के द्वारा दी जाने वाली पूजन सामग्री:-

  • रोली, कलावा    
  • सिन्दूर, लवङ्ग 
  • इलाइची, सुपारी 
  • हल्दी, अबीर 
  • गुलाल, अभ्रक 
  • गङ्गाजल, गुलाबजल 
  • इत्र, शहद 
  • धूपबत्ती,रुईबत्ती, रुई 
  • यज्ञोपवीत, पीला सरसों 
  • देशी घी, कपूर 
  • माचिस, जौ 
  • दोना बड़ा साइज,पञ्चमेवा 
  • सफेद चन्दन, लाल चन्दन 
  • अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला 
  • चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का 
  • सप्तमृत्तिका 
  • सप्तधान्य, सर्वोषधि 
  • पञ्चरत्न, मिश्री 
  • पीला कपड़ा सूती

हवन सामग्री एवं यज्ञपात्र :-

  • काला तिल 
  • चावल 
  • कमलगट्टा
  • हवन सामग्री, घी,गुग्गुल
  • बलिदान हेतु पापड़
  • काला उडद 
  • पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी
  • प्रोक्षणी, प्रणीता, स्रुवा, शुचि, स्फय - एक सेट
  • हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच 
  • पिसा हुआ चन्दन 
  • नवग्रह समिधा
  • हवन समिधा 
  • घृत पात्र
  • कुशा
  • पंच पात्र

यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:-

  • वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का - 1
  • गाय का दूध - 100ML
  • दही - 50ML
  • मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार 
  • फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार )
  • दूर्वादल (घास ) - 1मुठ 
  • पान का पत्ता - 07
  • पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg
  • पुष्पमाला - 7 ( विभिन्न प्रकार का)
  • आम का पल्लव - 2
  • विल्वपत्र - 21
  • तुलसी पत्र -7
  • शमी पत्र एवं पुष्प 
  • थाली - 2, कटोरी - 5, लोटा - 2, चम्मच - 2 आदि 
  • अखण्ड दीपक -1
  • देवताओं के लिए वस्त्र -  गमछा, धोती  आदि 
  • बैठने हेतु दरी,चादर,आसन 
  • पानी वाला नारियल
  • तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित 
  • गोदुग्ध,गोदधि

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