सरस्वती होम

सरस्वती होम

वैदिक यज्ञ एवं होम | Duration : 4 Hours
Price Range: 5100 to 7100

About Puja

बुद्धि एवं ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती का शास्त्रोक्त विधि से उपासना के लिए हमारे धर्मग्रंथों, पुराणों तथा आचार्यों के द्वारा सरस्वती होम का विधान  किया गया है। माता सरस्वती ज्ञान की देवी हैं। इनको बुद्धि, स्मरण, तर्क-शक्ति, मेधा आदि दिव्य रूपों में वन्दन तथा पूजन करते हैं। माता सरस्वती का यह दिव्य होम है, जिसके प्रभाव से मां अपने उपासकों को आशीर्वाद प्रदान करती है, जिससे साधक को अपने कार्यक्षेत्र तथा  शैक्षणिक क्षेत्रों में सफलता की प्राप्ति होती है। विद्यार्थियों की स्मृति का विस्तार तथा सफलता प्राप्ति के लिए यह होम अवश्य ही करना अथवा कराना चाहिये। जिस साधक की शैक्षणिक क्रिया-कलापों में वार-वार असफलता मिल रही हो,अथवा - कार्यक्षेत्र में किसी  प्रकार का व्यवधान उत्पन्न हो रहा हो, तो ऐसी स्थिति में माता सरस्वती का यह दिव्य होम एक सर्वोत्तम उपाय है, जिसके प्रभाव से समस्त विघ्नों की समाप्ति हो जाता है।

सरस्वती होम के प्रभाव से साधक की अन्तर्निहित क्षमताओं का विकास होता है,तथा वास्तविक क्षमता के परिणामस्वरुप उस साधक का करियर और भविष्य उज्ज्वल होता है। सरस्वती होम को वैदिक विधि से सम्पादित कराने पर शिक्षा, ज्ञान, संगीत आदि के क्षेत्र में अविश्वसनीय सफलता की प्राप्ति होती है। विद्यार्थियों की सफलता हेतु सरस्वती होम एक सर्वोत्कृष्ट उपाय है। क्योंकि माता सरस्वती ज्ञान और बुद्धि की देवी हैं। उनका एक अन्य नाम वाग्देवी भी है।

Benefits

सरस्वती होम का माहात्म्य:-

  • इस होम के प्रभाव से अध्ययन के समय आ रही कठिनाइयों का शमन होता है।
  • शैक्षणिक सफलता की तथा परीक्षाओं में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त होता है।
  • इस होम को करने के पश्चात् उत्कृष्ट सफलता प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास मजबूत होता है।
  • सरस्वती होम साधक को उच्च बौद्धिक क्षमता और विश्लेषणात्मक कौशल प्राप्त करने में मदद करता है।         
  • विद्यार्थियों की मेधाशक्ति को सशक्त बनाता है,तथा मान-सम्मान ,पद,प्रतिष्ठा आदि  में वृद्धि करता है।
  • स्मरण शक्ति बढ़ती है तथा उत्तरोत्तर सफलता की प्राप्ति होती है।
Process

 सरस्वती होम में होने वाले प्रयोग या विधि:-

  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
  10. नवग्रह मण्डल पूजन
  11. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  12. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  13. रक्षाविधान, 
  14. प्रधान देवता पूजन
  15. पाठ विधान
  16. विनियोग,करन्यास, हृदयादिन्यास
  17. ध्यानम्, स्तोत्र पाठ
  18. पंचभूसंस्कार, अग्नि स्थापन, ब्रह्मा वरण, कुशकण्डिका
  19. आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  20. घृताहुति, मूलमन्त्र आहुति, चरुहोम
  21. भूरादि नौ आहुति स्विष्टकृत आहुति, पवित्रप्रतिपत्ति
  22. संस्रवप्राश , मार्जन, पूर्णपात्र दान
  23. प्रणीता विमोक, मार्जन, बर्हिहोम 
  24. पूर्णाहुति, आरती, विसर्जन
Puja Samagri

वैकुण्ठ के द्वारा दी जाने वाली पूजन सामग्री:-

  • रोली, कलावा    
  • सिन्दूर, लवङ्ग 
  • इलाइची, सुपारी 
  • हल्दी, अबीर 
  • गुलाल, अभ्रक 
  • गङ्गाजल, गुलाबजल 
  • इत्र, शहद 
  • धूपबत्ती,रुईबत्ती, रुई 
  • यज्ञोपवीत, पीला सरसों 
  • देशी घी, कपूर 
  • माचिस, जौ 
  • दोना बड़ा साइज,पञ्चमेवा 
  • सफेद चन्दन, लाल चन्दन 
  • अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला 
  • चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का 
  • सप्तमृत्तिका 
  • सप्तधान्य, सर्वोषधि 
  • पञ्चरत्न, मिश्री 
  • पीला कपड़ा सूती

हवन सामग्री एवं यज्ञपात्र :-

  • काला तिल 
  • चावल 
  • कमलगट्टा
  • हवन सामग्री, घी,गुग्गुल
  • गुड़ (बूरा या शक्कर) 
  • बलिदान हेतु पापड़
  • काला उडद 
  • पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी
  • प्रोक्षणी, प्रणीता, स्रुवा, शुचि, स्फय - एक सेट
  • हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच 
  • पिसा हुआ चन्दन 
  • नवग्रह समिधा
  • हवन समिधा 
  • घृत पात्र
  • कुशा
  • पंच पात्र

यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:-

  • वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का - 1
  • गाय का दूध - 100ML
  • दही - 50ML
  • मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार 
  • फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार )
  • दूर्वादल (घास ) - 1मुठ 
  • पान का पत्ता - 07
  • पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg
  • पुष्पमाला - 7 ( विभिन्न प्रकार का)
  • आम का पल्लव - 2
  • विल्वपत्र - 21
  • तुलसी पत्र -7
  • शमी पत्र एवं पुष्प 
  • पानी वाला नारियल
  • थाली - 2, कटोरी - 5, लोटा - 2, चम्मच - 2 आदि 
  • अखण्ड दीपक -1
  • देवताओं के लिए वस्त्र -  गमछा, धोती  आदि 
  • बैठने हेतु दरी,चादर,आसन 
  • गोदुग्ध,गोदधि
  • तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित  

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