लक्ष्मी नरसिंह होम

लक्ष्मी नरसिंह होम

वैदिक यज्ञ एवं होम | Duration : 3 Hrs 30 min
Price Range: 5100 to 7100

About Puja

हमारे धर्मशास्त्रों में लक्ष्मी नरसिंह होम  का विधान देवी महालक्ष्मी और भगवान नरसिंह का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया गया है। जिस प्रकार भगवान् विष्णु, नरसिंह रूप में अवतरित होकर अपने भक्त प्रह्लाद की सर्वविध रक्षा किया, ठीक उसी प्रकार से अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
इस होम के प्रभाव से व्यक्ति की धन से सम्बन्धित मनोकामनाओं की पूर्ति यथाशीघ्र ही हो जाती है। इस होम के प्रभाव से  साधक को धन,समृद्धि,ऐश्वर्य आदि की प्राप्ति होती है, साथ ही कानूनी मुद्दों और अदालत से सम्बंधित मामलों में विजय प्राप्त करने और अपने शत्रुओं को दूर रखने के लिए यह होम सर्वोत्तम उपाय है। यह अत्यन्त दुर्लभ तथा प्रभावकारी होम है तथा इस होम के करने से तत्काल फल की प्राप्ति याचक को होती है देवी लक्ष्मी की कृपा से साधक के समस्त कार्य निर्विघ्नतापूर्वक सिद्ध होते हैं तथा घर परिवार में सुख, समृद्धि का आगमन होता है,भगवान नरसिंह की कृपा से साधक के ऊपर किया गया तन्त्र-मन्त्र बाधा,भूत-पिशाच भय,अकाल मृत्यु का डर,असाध्य रोग आदि से सब शान्त हो जाते हैं तथा जीवन आनन्दमय हो जाता है।

Benefits

लक्ष्मी नरसिंह होम से लाभ:-

  • शत्रु से होने वाले भय से मुक्ति होती है।
  • कोर्ट-कचहरी के मुकदमे आदि में विजय श्री की प्राप्ति होती है।
  • साधक के पराक्रम तथा आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  • इस होम के प्रभाव से असााध्य रोगों से निवृत्ति होती है।
  • साधक को सुख-समृद्धि,वैभव, ऐश्वर्य आदि को प्राप्त करने की कामना को माता लक्ष्मी शीघ्र ही पूर्ण करती हैं।
Process

लक्ष्मी नरसिंह होम में होने वाले प्रयोग या विधि:-

  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
  10. नवग्रह मण्डल पूजन
  11. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  12. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  13. रक्षाविधान, प्रधान देवता पूजन
  14.  पाठ विधान
  15. विनियोग,करन्यास, हृदयादिन्यास
  16. ध्यानम्, स्तोत्र पाठ
  17. पंचभूसंस्कार, अग्नि स्थापन, ब्रह्मा वरण, कुशकण्डिका
  18. आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  19. घृताहुति, मूलमन्त्र आहुति, चरुहोम
  20. भूरादि नौ आहुति स्विष्टकृत आहुति, पवित्रप्रतिपत्ति
  21. संस्रवप्राश , मार्जन, पूर्णपात्र दान
  22. प्रणीता विमोक, मार्जन, बर्हिहोम 
  23. पूर्णाहुति, आरती, विसर्जन
Puja Samagri

वैकुण्ठ के द्वारा दी जाने वाली पूजन सामग्री:-

  • रोली, कलावा    
  • सिन्दूर, लवङ्ग 
  • इलाइची, सुपारी 
  • हल्दी, अबीर 
  • गुलाल, अभ्रक 
  • गङ्गाजल, गुलाबजल 
  • इत्र, शहद 
  • धूपबत्ती,रुईबत्ती, रुई 
  • यज्ञोपवीत, पीला सरसों 
  • देशी घी, कपूर 
  • माचिस, जौ 
  • दोना बड़ा साइज,पञ्चमेवा 
  • सफेद चन्दन, लाल चन्दन 
  • अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला 
  • चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का 
  • सप्तमृत्तिका 
  • सप्तधान्य, सर्वोषधि 
  • पञ्चरत्न, मिश्री 
  • पीला कपड़ा सूती

हवन सामग्री एवं यज्ञपात्र :-

  • काला तिल 
  • चावल 
  • कमलगट्टा
  • हवन सामग्री, घी,गुग्गुल
  • गुड़ (बूरा या शक्कर) 
  • बलिदान हेतु पापड़
  • काला उडद 
  • पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी
  • प्रोक्षणी, प्रणीता, स्रुवा, शुचि, स्फय - एक सेट
  • हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच 
  • पिसा हुआ चन्दन 
  • नवग्रह समिधा
  • हवन समिधा 
  • घृत पात्र
  • कुशा
  • पंच पात्र

यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:-

  • वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का - 1
  • गाय का दूध - 100ML
  • दही - 50ML
  • मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार 
  • फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार )
  • दूर्वादल (घास ) - 1मुठ 
  • पान का पत्ता - 07
  • पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg
  • पुष्पमाला - 7 ( विभिन्न प्रकार का)
  • आम का पल्लव - 2
  • विल्वपत्र - 21
  • तुलसी पत्र -7
  • तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित
  • शमी पत्र एवं पुष्प 
  • थाली - 2 , कटोरी - 5 ,लोटा - 2 , चम्मच - 2 आदि 
  • अखण्ड दीपक -1
  • पानी वाला नारियल
  • देवताओं के लिए वस्त्र -  गमछा , धोती  आदि 
  • बैठने हेतु दरी,चादर,आसन 
  • गोदुग्ध,गोदधि,

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