सुदर्शन होम

सुदर्शन होम

वैदिक यज्ञ एवं होम | Duration : 4 Hrs 45 min
Price Range: 6100 to 11000

About Puja

सुदर्शन होम अथवा सुदर्शन उपासना, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण  उपासनाओं में से एक है। यह होम जगत के पालन कर्ता भगवन विष्णु को समर्पित है। इस होम का प्रारम्भ विष्णु जी के चक्र के नाम के उच्चारण के साथ होता है जिसे सुदर्शन चक्र कहते हैं।सुदर्शन का अर्थ है  सुन्दरं दर्शनं यस्य स अर्थात् सुन्दर दर्शन है, जिसका वह सुदर्शन चक्र है।
 हमारे विभिन्न पौराणिक ग्रन्थों जैसे श्रीमद्भागवत्महापुराण, श्रीविष्णु पुराण आदि में विस्तारपूर्वक  मिलता है।
इस अनुष्ठान का मुख्य उद्देश्य, भगवान विष्णु की कृपा, भक्त का सर्वविध कल्याण तथा सुरक्षा प्राप्ति करना ही है । सुदर्शन चक्र जिसे भगवान विष्णु के अस्त्र के रुप मे जाना जाता है। इस होम का विशिष्ट रूप से प्रयोग गंभीर बाधाओं से रक्षा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। सुदर्शन चक्र भगवान विष्णु के आदर्श गुणों  का प्रतीक है। अत एव जो साधक सुदर्शन चक्र  का स्तवन् श्रद्धा, भक्ति युक्त होकर करता है उस भक्त को भी उन्हीं आदर्श गुणों की प्राप्ति होती है तथा वह इहलोक और परलोक उभयत्र सुखपूर्वक जीवन व्यतीत करता है।

Benefits

सुदर्शन होम का महत्व:-

  • जीवन में सुख, समृद्धि और शान्ति का प्रादुर्भाव होता है।
  • शत्रुओं से रक्षा प्राप्त करने में सहायता प्रदान करता है।
  • स्वास्थ्य सम्बन्धी  समस्याएं शान्त होती हैं तथा व्यक्ति को आरोग्यता की प्राप्ति होती है।
  • समस्त नकारात्मक बुराइयों, दोषों,काले जादू-टोना, भूत-‌प्रेत जनित भय आदि से रक्षा प्राप्त होती है
Process

सुदर्शन होम में होने वाले प्रयोग या विधि:-

  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
  10. नवग्रह मण्डल पूजन
  11. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  12. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  13. रक्षाविधान, प्रधान देवता पूजन
  14.  पाठ विधान
  15. विनियोग,करन्यास, हृदयादिन्यास
  16. ध्यानम्, स्तोत्र पाठ
  17. पंचभूसंस्कार, अग्नि स्थापन, ब्रह्मा वरण, कुशकण्डिका
  18. आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  19. घृताहुति, मूलमन्त्र आहुति, चरुहोम
  20. भूरादि नौ आहुति स्विष्टकृत आहुति, पवित्रप्रतिपत्ति
  21. संस्रवप्राश , मार्जन, पूर्णपात्र दान
  22. प्रणीता विमोक, मार्जन, बर्हिहोम 
  23. पूर्णाहुति, आरती, विसर्जन
Puja Samagri

वैकुण्ठ के द्वारा दी जाने वाली पूजन  सामग्री:-

  1. रोली, कलावा    
  2. सिन्दूर, लवङ्ग 
  3. इलाइची, सुपारी 
  4. हल्दी, अबीर 
  5. गुलाल, अभ्रक 
  6. गङ्गाजल, गुलाबजल 
  7. इत्र, शहद 
  8. धूपबत्ती,रुईबत्ती, रुई 
  9. यज्ञोपवीत, पीला सरसों 
  10. देशी घी, कपूर 
  11. माचिस, जौ 
  12. दोना बड़ा साइज,पञ्चमेवा 
  13. सफेद चन्दन, लाल चन्दन 
  14. अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला 
  15. चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का 
  16. सप्तमृत्तिका 
  17. सप्तधान्य, सर्वोषधि 
  18. पञ्चरत्न, मिश्री 
  19. पीला कपड़ा सूती

हवन सामग्री एवं यज्ञपात्र :-

  1. काला तिल 
  2. चावल 
  3. कमलगट्टा
  4. हवन सामग्री, घी,गुग्गुल
  5. गुड़ (बूरा या शक्कर)  
  6. बलिदान हेतु पापड़
  7. काला उडद 
  8. पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी
  9. प्रोक्षणी, प्रणीता, स्रुवा, शुचि, स्फय - एक सेट
  10. हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच 
  11. पिसा हुआ चन्दन 
  12. नवग्रह समिधा
  13. हवन समिधा 
  14. घृत पात्र
  15. कुशा
  16. पंच पात्र

यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:-

  1. वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का - 1
  2. गाय का दूध - 100ML
  3. दही - 50ML
  4. मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार 
  5. फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार )
  6. दूर्वादल (घास ) - 1मुठ 
  7. पान का पत्ता - 07
  8. पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg
  9. पुष्पमाला - 7 ( विभिन्न प्रकार का)
  10. आम का पल्लव - 2
  11. विल्वपत्र - 21
  12. तुलसी पत्र -7
  13. शमी पत्र एवं पुष्प 
  14.  थाली - 2 , कटोरी - 5 ,लोटा - 2 , चम्मच - 2 आदि 
  15. अखण्ड दीपक -1
  16. पानी वाला नारियल
  17. तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित 
  18. देवताओं के लिए वस्त्र -  गमछा , धोती  आदि 
  19. बैठने हेतु दरी,चादर,आसन 
  20. गोदुग्ध,गोदधि

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