श्री सूक्त होम

श्री सूक्त होम

वैदिक यज्ञ एवं होम | Duration : 5 Hours
Price Range: 5100 to 11000

About Puja

वेद भगवान का नि:श्वास है। वेदों में विभिन्न मनोकामना की प्राप्ति के लिए विभिन्न सूक्तियां सन्निहित हैं, श्रीलक्ष्मी कामना की दृष्टि से श्री सूक्त सर्वोपरि है। माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति तथा व्यवसाय वृद्धि के उद्देश्य से श्रीसूक्त के मन्त्रों द्वारा हवन करने का विधान  है। माता लक्ष्मी का यह होम भक्तों की आर्थिक समस्याओं तथा दुःखों को शान्त करने वाला है। इस होम के प्रभाव से जीवन में आरोग्यता, व्यापार में उन्नति उत्तम स्वास्थ्य,धन वृद्धि, समृद्धि आदि का आगमन प्रचुर मात्रा में होता है, तथा घर में सुख- शांति  बनी रहती है। घर में व्याप्त समस्त क्लेशों तथा बाधाओं को  दूर करता है। श्रीसूक्त ऋग्वेदोक्त परम सौभाग्य वर्धक सूक्त है, यह देवी लक्ष्मी की प्राप्ति के दृष्टि से उपास्य है। दारिद्रय, दुःख, ऋण आदि  की निवृत्ति के लिए इस श्रीसूक्त होम का विधान किया गया है।

श्री महालक्ष्मी उपासना की दृष्टि से किया जाने वाला श्री सूक्त होम वित्तीय इच्छाओं और समृद्धि की प्राप्ति के लिए एक प्रमुख वैदिक एवं आध्यात्मिक प्रक्रिया है। ऐसा शास्त्रों में वर्णित है कि यह शुभ होम सौभाग्य और धन को बढ़ाता है। इससे दुर्भाग्य और दरिद्रता दूर होती है। श्रीसूक्तहोम, मन्त्रों के उच्चारण के साथ करना चाहिये तथा आहुति हेतु पवित्र अग्नि में विल्वपत्र, कमलगट्टा आदि की आहुति अग्निदेव अर्पित करने से परिवार में उत्पन्न सङ्कटों की निवृत्ति होती है तथा शान्ति की स्थापना होती है। यह होम साधक को उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्रदान करता है,तथा परिवार में सुख, शान्ति, ऋद्धि-सिद्दि,समृद्धि आदि को निरन्तर बनाये रखने में मदद करता है।

Benefits

श्री सूक्त होम करने के लाभ:-

  • व्यक्ति के व्यवसाय में उत्पन्न समस्याओं की निवृत्ति होती है।
  • धन सम्बन्धी समस्याओं का निराकरण होता है।
  • साधक के जीवन से ऋण, रोग,पाप, दारिद्रय आदि से मुक्ति होती है।
  • इस होम के प्रभाव से धन, समृद्धि का आगमन होता है।
  • वित्तीय विकास में आ रही समस्त बाधाएं शान्त होती हैं तथा सकारात्मक ऊर्जा  का घर एवं व्यापार में संचार होता है।
Process

श्री सूक्त होम में होने वाले प्रयोग या विधि:-

  1. स्वस्तिवाचन एवं शान्तिपाठ
  2. प्रतिज्ञा-सङ्कल्प
  3. गणपति गौरी पूजन
  4. कलश स्थापन एवं वरुणादि देवताओं का पूजन
  5. पुण्याहवाचन एवं मन्त्रोच्चारण अभिषेक
  6. षोडशमातृका पूजन
  7. सप्तघृतमातृका पूजन
  8. आयुष्यमन्त्रपाठ
  9. सांकल्पिक नान्दीमुखश्राद्ध (आभ्युदयिकश्राद्ध)
  10. नवग्रह मण्डल पूजन
  11. अधिदेवता, प्रत्यधिदेवता आवाहन एवं पूजन
  12. पञ्चलोकपाल,दशदिक्पाल, वास्तु पुरुष आवाहन एवं पूजन 
  13. रक्षाविधान, 
  14. प्रधान देवता पूजन
  15. पाठ विधान
  16. विनियोग,करन्यास, हृदयादिन्यास
  17. ध्यानम्, स्तोत्र पाठ
  18. पंचभूसंस्कार, अग्नि स्थापन, ब्रह्मा वरण, कुशकण्डिका
  19. आधार-आज्यभागसंज्ञक हवन
  20. घृताहुति, मूलमन्त्र आहुति, चरुहोम
  21. भूरादि नौ आहुति स्विष्टकृत आहुति, पवित्रप्रतिपत्ति
  22. संस्रवप्राश , मार्जन, पूर्णपात्र दान
  23. प्रणीता विमोक, मार्जन, बर्हिहोम 
  24. पूर्णाहुति, आरती, विसर्जन
Puja Samagri

वैकुण्ठ के द्वारा दी जाने वाली पूजन सामग्री:-

  • रोली, कलावा    
  • सिन्दूर, लवङ्ग 
  • इलाइची, सुपारी 
  • हल्दी, अबीर 
  • गुलाल, अभ्रक 
  • गङ्गाजल, गुलाबजल 
  • इत्र, शहद 
  • धूपबत्ती,रुईबत्ती, रुई 
  • यज्ञोपवीत, पीला सरसों 
  • देशी घी, कपूर 
  • माचिस, जौ 
  • दोना बड़ा साइज,पञ्चमेवा 
  • सफेद चन्दन, लाल चन्दन 
  • अष्टगन्ध चन्दन, गरी गोला 
  • चावल(छोटा वाला), दीपक मिट्टी का 
  • सप्तमृत्तिका 
  • सप्तधान्य, सर्वोषधि 
  • पञ्चरत्न, मिश्री 
  • पीला कपड़ा सूती

हवन सामग्री एवं यज्ञपात्र :-

  • काला तिल 
  • चावल 
  • कमलगट्टा
  • हवन सामग्री, घी,गुग्गुल
  • गुड़ (बूरा या शक्कर)
  • बलिदान हेतु पापड़
  • काला उडद 
  • पूर्णपात्र -कटोरी या भगोनी
  • प्रोक्षणी, प्रणीता, स्रुवा, शुचि, स्फय - एक सेट
  • हवन कुण्ड ताम्र का 10/10  इंच या 12/12 इंच 
  • पिसा हुआ चन्दन 
  • नवग्रह समिधा
  • हवन समिधा 
  • घृत पात्र
  • कुशा
  • पंच पात्र

यजमान के द्वारा की जाने वाली व्यवस्था:-

  • वेदी निर्माण के लिए चौकी 2/2 का - 1
  • गाय का दूध - 100ML
  • दही - 50ML
  • मिष्ठान्न आवश्यकतानुसार 
  • फल विभिन्न प्रकार ( आवश्यकतानुसार )
  • दूर्वादल (घास ) - 1मुठ 
  • पान का पत्ता - 07
  • पुष्प विभिन्न प्रकार - 2 kg
  • पुष्पमाला - 7 ( विभिन्न प्रकार का)
  • आम का पल्लव - 2
  • विल्वपत्र - 21
  • तुलसी पत्र -7
  • शमी पत्र एवं पुष्प 
  • थाली - 2, कटोरी - 5, लोटा - 2, चम्मच - 2 आदि 
  • अखण्ड दीपक -1
  • पानी वाला नारियल
  • देवताओं के लिए वस्त्र -  गमछा, धोती  आदि 
  • तांबा या पीतल का कलश ढक्कन सहित 
  • बैठने हेतु दरी,चादर,आसन 
  • गोदुग्ध,गोदधि

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